KNEWS DESK- पेरिस ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन कर प्रदेश और देश का नाम रोशन करने वाले पंजाब के खिलाड़ियों को आज चंडीगढ़ में सम्मानित किया गया। पंजाब सरकार ने रविवार को एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसमें ओलंपिक में भाग लेने वाले प्रदेश के खिलाड़ियों को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कांस्य पदक विजेता हॉकी टीम के खिलाड़ियों को एक-एक करोड़ रुपये की इनामी राशि प्रदान की और अन्य खिलाड़ियों को भी सम्मानित किया।
समारोह की मुख्य बातें
चंडीगढ़ के सेक्टर-26 में सुबह 11 बजे आयोजित इस समारोह में कुल 9.35 करोड़ रुपये की राशि खिलाड़ियों को वितरित की गई। कार्यक्रम के दौरान, मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सभी 10 हॉकी खिलाड़ियों को मंच पर सम्मानित किया और उनके बीच अपनी कुर्सी रखी। सीएम मान ने कहा कि पंजाब के खिलाड़ियों ने ओलंपिक में जो प्रदर्शन किया है, वह सचमुच तारीफ के काबिल है। देश की टीम में 10 हॉकी खिलाड़ी पंजाब के हैं। यह हमारे प्रदेश के लिए गर्व की बात है। खिलाड़ियों ने पदक जीतकर पंजाबियों में नया उत्साह और जोश भरा है।
खिलाड़ियों की सूची और पुरस्कार
पंजाब से पेरिस ओलंपिक में भाग लेने वाले हॉकी खिलाड़ियों में हरमनप्रीत सिंह, जरमनप्रीत सिंह, मनप्रीत सिंह, हार्दिक सिंह, शमशेर सिंह, गुरजंट सिंह, मनदीप सिंह, सुखजीत सिंह, किशन बहादुर पाठक और जुगराज सिंह शामिल हैं। इन खिलाड़ियों को मुख्यमंत्री ने एक-एक करोड़ रुपये की राशि से सम्मानित किया। इसके अलावा, शूटिंग, शॉटपुट, एथलेटिक्स और गोल्फ में पंजाब के एक-एक खिलाड़ी ने भी ओलंपिक में हिस्सा लिया था, जिन्हें 15-15 लाख रुपये की राशि के चेक प्रदान किए गए।
मुख्यमंत्री की सराहना और भविष्य की दिशा
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने खिलाड़ियों की सराहना करते हुए कहा कि उनके शानदार प्रदर्शन ने न केवल प्रदेश की पहचान बढ़ाई है, बल्कि युवाओं को एक नई दिशा भी दी है। इस कार्यक्रम में कई मंत्री, विधायक और अधिकारी भी मौजूद थे, जिन्होंने खिलाड़ियों की उपलब्धियों को सराहा और उनकी मेहनत को मान्यता दी। भारत की हॉकी टीम ने लगातार दो ओलंपिक खेलों में पदक जीतने में सफलता प्राप्त की है। इससे पहले, टोक्यो ओलंपिक में भी भारतीय हॉकी टीम ने पदक जीते थे। इस प्रकार की उपलब्धियां देश के खेल क्षेत्र में एक नई ऊर्जा का संचार करती हैं और खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनती हैं। पंजाब सरकार की इस पहल से स्पष्ट है कि खेलों के प्रति राज्य की प्रतिबद्धता और खिलाड़ियों की मेहनत को मान्यता देने का प्रयास लगातार जारी रहेगा।