सुप्रीम कोर्ट से पंजाब सरकार को मिली बड़ी राहत, एनजीटी के जुर्माने पर लगी रोक

KNEWS DESK-  सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को एक महत्वपूर्ण राहत प्रदान की है, जब उसने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) द्वारा लगाए गए 1,000 करोड़ रुपये के जुर्माने पर रोक लगा दी। यह जुर्माना पुराने कचरे और सीवरेज डिस्चार्ज के प्रबंधन में ठोस कदम न उठाने के कारण लगाया गया था।

एनजीटी का आदेश और सुप्रीम कोर्ट की प्रतिक्रिया

पंजाब सरकार की अपील पर सुनवाई करते हुए, शीर्ष अदालत की पीठ में प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा शामिल थे। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सांघवी द्वारा प्रस्तुत दलीलों के आधार पर केंद्र और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) को नोटिस जारी किया।

एनजीटी का 25 जुलाई का आदेश

एनजीटी ने 25 जुलाई को पंजाब सरकार को आदेश दिया था कि वह एक महीने के भीतर सीपीसीबी के साथ पर्यावरण मुआवजे के रूप में 10,261,908,000 रुपये जमा करे। ट्रिब्यूनल ने स्पष्ट किया था कि पंजाब सरकार को कई बार आदेश दिए गए थे कि वह पर्यावरण कानूनों का पालन करे, विशेषकर जल अधिनियम, 1974 की धारा 24 के अंतर्गत। एनजीटी ने कहा था कि पंजाब सरकार इस मामले में पूरी तरह असफल रही है। उन्होंने कहा था, “अब बस बहुत हो गया। अब समय आ गया है कि इस मामले में कार्रवाई की जाए। अगर ऐसा नहीं किया गया, तो हम उचित कदम उठाने में विफल रहेंगे।”

सुप्रीम कोर्ट द्वारा रोक लगाए जाने के बाद, अब पंजाब सरकार को एनजीटी के आदेश के खिलाफ अपनी स्थिति को मजबूत करने का एक और अवसर मिला है। यह मामला न केवल राज्य के पर्यावरण प्रबंधन की दिशा में महत्वपूर्ण है, बल्कि इससे सरकार के खिलाफ जनता के बढ़ते असंतोष को भी संबोधित करने का मौका मिलता है।

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