KNEWS DESK- पंजाब में चार विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के नतीजों से ठीक पहले आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार ने अपने कामकाज को पटरी पर लाने और राज्य की वित्तीय स्थिति को सुधारने के लिए एक अहम कदम उठाने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार को अब वित्तीय संकट से निपटने की चुनौती का सामना है।
इंडस्ट्री की बिजली ड्यूटी बढ़ाकर 800-900 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व
पंजाब सरकार राज्य की वित्तीय स्थिति को सुधारने के लिए औद्योगिक क्षेत्र की बिजली की ड्यूटी बढ़ाने की योजना बना रही है। इस कदम से राज्य सरकार को लगभग 800 से 900 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व मिलने की उम्मीद है। हालांकि, 2022 में सत्ता में आई आप सरकार ने अब तक औद्योगिक क्षेत्र की बिजली दरों में कोई बदलाव नहीं किया था, लेकिन अब वित्तीय विभाग ने इस बारे में प्रस्ताव तैयार कर लिया है। यह प्रस्ताव उपचुनाव के परिणाम आने के बाद मंत्रिमंडल की बैठक में पेश किया जाएगा। इस फैसले के लागू होने से राज्य की आर्थिक स्थिति में सुधार होने की संभावना जताई जा रही है।
सुखना वाइल्ड लाइफ सैंक्चुअरी के आसपास ईको सेंसिटिव जोन (ईएसजेड) का विस्तार
इसके साथ ही पंजाब सरकार पर्यावरण संरक्षण के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। पंजाब वन एवं वन्यजीव विभाग ने सुखना वाइल्ड लाइफ सैंक्चुअरी के आसपास तीन किलोमीटर के दायरे में ईको सेंसिटिव जोन (ईएसजेड) बनाने का प्रस्ताव तैयार किया है। पहले यह दायरा 100 मीटर तक था, लेकिन अब इसे बढ़ाकर तीन किलोमीटर किया जाएगा। अगर यह प्रस्ताव कैबिनेट की मंजूरी प्राप्त कर लेता है, तो यहां किसी भी प्रकार के भवन निर्माण या व्यावसायिक गतिविधियों के लिए सरकार की मंजूरी आवश्यक होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने 2022 में यह आदेश दिया था कि ईको सेंसिटिव जोन का दायरा कम से कम एक किलोमीटर होना चाहिए, और अब पंजाब सरकार ने इस दायरे को तीन किलोमीटर करने का प्रस्ताव भेजा है। इससे नयागांव, कांसल, करोरा, नाडा और न्यू चंडीगढ़ जैसे क्षेत्रों में निर्माण कार्यों पर असर पड़ेगा, और हाई राइज बिल्डिंग्स के निर्माण पर पूरी तरह से रोक लग जाएगी। इसके परिणामस्वरूप इन क्षेत्रों के एक से डेढ़ लाख लोग प्रभावित हो सकते हैं, क्योंकि कई रिहायशी प्रोजेक्ट्स को रोक दिया जाएगा।
पर्यावरण और वित्तीय सुधार की दिशा में पंजाब सरकार के कदम
पंजाब सरकार के यह दोनों फैसले – एक ओर जहां राज्य के वित्तीय संकट को दूर करने की दिशा में महत्वपूर्ण हैं, वहीं दूसरी ओर राज्य के पर्यावरणीय संतुलन को बनाए रखने के लिए भी आवश्यक कदम हैं। मुख्यमंत्री भगवंत मान की सरकार ने दोनों मोर्चों पर समान रूप से ध्यान केंद्रित किया है, जिससे राज्य की विकास दर को बनाए रखा जा सके और साथ ही पर्यावरण की रक्षा भी की जा सके।
इन फैसलों से राज्य सरकार की प्रतिबद्धता स्पष्ट होती है कि वह न केवल आर्थिक रूप से मजबूत पंजाब की ओर कदम बढ़ा रही है, बल्कि प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण में भी सक्रिय भूमिका निभा रही है। उपचुनाव के परिणाम आने के बाद इन प्रस्तावों पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा, जो राज्य के भविष्य की दिशा तय करेगा।
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