KNEWS DESK – कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने केरल की हाई-प्रोफाइल वायनाड लोकसभा सीट के उपचुनाव में ऐतिहासिक जीत दर्ज की है। शनिवार, 23 नवंबर को हुए मतदान में प्रियंका ने 6,22,338 वोट हासिल कर सीपीआई (एम) के उम्मीदवार सत्यन मोकेरी को 4,10,931 वोटों के बड़े अंतर से हराया। इस जीत ने न केवल कांग्रेस के गढ़ वायनाड को और मजबूत किया है, बल्कि प्रियंका गांधी की सियासी पकड़ को भी देश भर में साबित कर दिया है।
चुनाव परिणाम के आंकड़े
चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार:
- प्रियंका गांधी (कांग्रेस) – 6,22,338 वोट
- सत्यन मोकेरी (सीपीआई) – 2,11,407 वोट
- नव्या हरिदास (बीजेपी) – 1,09,939 वोट
यह जीत कांग्रेस के लिए उत्साहजनक है, खासकर ऐसे समय में जब पार्टी को देश के अन्य हिस्सों में कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है।
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राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद खाली हुई सीट
वायनाड सीट कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद खाली हुई थी। राहुल ने इस साल उत्तर प्रदेश की रायबरेली सीट से अपनी सदस्यता बनाए रखते हुए वायनाड सीट छोड़ दी थी। इस कारण यहां उपचुनाव करवाना पड़ा। राहुल गांधी ने 2019 और 2024 के लोकसभा चुनावों में इस सीट से जीत हासिल की थी। 2019 में, उन्होंने वामपंथी उम्मीदवार एनी राजा को 4 लाख से ज्यादा वोटों से हराया था। वहीं, 2024 में भी उन्होंने सीपीआई (एम) के उम्मीदवार को 3.64 लाख वोटों के अंतर से शिकस्त दी थी।
प्रियंका गांधी की पहली चुनावी परीक्षा
प्रियंका गांधी के लिए यह चुनाव उनके राजनीतिक करियर की एक अहम परीक्षा थी। वायनाड सीट पर चुनाव लड़ना उनके लिए आसान नहीं था, क्योंकि यहां वामपंथी दलों का मजबूत प्रभाव है। प्रियंका ने चुनाव प्रचार के दौरान वायनाड के मतदाताओं से सीधे संवाद किया और स्थानीय मुद्दों को सुलझाने का वादा किया। उनकी यह रणनीति सफल रही और उन्हें भारी समर्थन मिला।
वायनाड का राजनीतिक और सांस्कृतिक महत्व
केरल के वायनाड लोकसभा क्षेत्र का राजनीतिक महत्व सिर्फ इसकी हाई-प्रोफाइल सीट होने तक सीमित नहीं है।
- सांस्कृतिक धरोहर: वायनाड अपनी समृद्ध परंपरा और धार्मिक स्थलों के लिए प्रसिद्ध है।
- आदिवासी जनसंख्या: यहां अनुसूचित जनजाति की सबसे बड़ी आबादी है, जो हर चुनाव में अहम भूमिका निभाती है।
- कृषि का केंद्र: वायनाड में काली मिर्च और कॉफी की खेती प्रमुख है, जो इसे देश और दुनिया में पहचान दिलाती है।
प्रियंका गांधी की जीत का राजनीतिक संदेश
प्रियंका गांधी की यह जीत कांग्रेस के लिए कई मायनों में अहम है।
- दक्षिण भारत में कांग्रेस की पकड़: वायनाड की जीत से कांग्रेस ने दक्षिण भारत में अपनी मजबूत उपस्थिति का संदेश दिया है।
- भाजपा को झटका: भाजपा, जो इस सीट पर तीसरे स्थान पर रही, के लिए यह परिणाम निराशाजनक है।
- प्रियंका की बढ़ती सियासी अहमियत: यह जीत प्रियंका गांधी को एक राष्ट्रीय नेता के रूप में स्थापित करने में मदद करेगी।