प्रधानमंत्री मोदी ने कहा- प्रतिभा, तकनीक भारत के विकास के औजार, जर्मन चांसलर ने कहा- अधिक सहयोग की आवश्यकता

KNEWS DESK-  जर्मनी के चांसलर ओलाफ स्कोल्ज भारत में सातवें अंतर सरकारी परामर्श (IGC) में भाग लेने के लिए नई दिल्ली पहुंचे हैं। गुरुवार को उन्होंने हैदराबाद हाउस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इस बैठक के बाद चांसलर स्कोल्ज ने सोशल मीडिया पर हिंदी में पोस्ट करते हुए भारत में अपने भव्य स्वागत के लिए धन्यवाद दिया।

एशिया-पैसेफिक कॉन्फ्रेंस ऑफ जर्मन बिजनेस 2024 का उद्घाटन

चांसलर स्कोल्ज और पीएम मोदी ने मिलकर एशिया-पैसेफिक कॉन्फ्रेंस ऑफ जर्मन बिजनेस 2024 का उद्घाटन किया, जिसमें उन्होंने सम्मेलन को संबोधित भी किया। पीएम मोदी ने इस अवसर पर कहा, “आज का दिन बहुत विशेष है। चांसलर स्कोल्ज चौथी बार भारत आए हैं, जो हमारे संबंधों पर उनके फोकस को दर्शाता है।”

25 वर्षों की रणनीतिक साझेदारी

प्रधानमंत्री मोदी ने उल्लेख किया कि यह साल भारत-जर्मनी रणनीतिक साझेदारी का 25वां वर्ष है, और उन्होंने आने वाले 25 वर्षों के लिए एक नई विकास योजना का खाका तैयार किया है। उन्होंने कहा, “भारत की कुशल मैनपावर पर जर्मनी ने जो भरोसा जताया है, वह अद्भुत है। जर्मनी ने कुशल भारतीयों के लिए वीजा संख्या 20,000 से बढ़ाकर 90,000 करने का निर्णय लिया है, जो जर्मनी के विकास को नई गति देगा।”

भारत का विकास मॉडल

पीएम मोदी ने यह भी बताया कि भारत वर्तमान में लोकतंत्र, जनसांख्यिकी, मांग और डेटा के मजबूत स्तंभों पर खड़ा है। उन्होंने प्रतिभा, प्रौद्योगिकी, नवाचार और आधारभूत संरचना को भारत के विकास के प्रमुख उपकरणों के रूप में रेखांकित किया। चांसलर ओलाफ स्कोल्ज की यह यात्रा भारत और जर्मनी के बीच संबंधों को और मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। दोनों देशों के बीच बढ़ती साझेदारी और सहयोग भविष्य में विकास और समृद्धि की नई संभावनाएं खोल सकता है।

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