KNEWS DESK, 14 दिसंबर 2024 को भारतीय सिनेमा के शो मैन राज कपूर की 100वीं जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। राज कपूर, जिनकी फिल्मों ने भारतीय सिनेमा को नई पहचान दी, आज भी अपनी अनूठी कहानी कहने की शैली और संवादों के लिए याद किए जाते हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के जरिए राज कपूर के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि वह सिर्फ एक फिल्म निर्माता नहीं, बल्कि भारतीय सिनेमा के एक राजदूत भी थे।
राज कपूर के सिनेमा के प्रति जुनून का आदर
बता दें कि भारतीय सिनेमा के शो मैन राज कपूर की 100वीं जयंती पर प्रधानमंत्री मोदी ने लिखा कि राज कपूर का सिनेमा के प्रति जुनून बहुत कम उम्र में ही शुरू हो गया था। वह एक उम्दा कहानीकार के रूप में उभरे और उन्होंने अपनी फिल्मों के जरिए न केवल कला और भावना को प्रस्तुत किया, बल्कि सामाजिक मुद्दों पर भी टिप्पणियाँ कीं। मोदी ने कहा कि उनकी फिल्में आम नागरिकों के संघर्षों और आकांक्षाओं को बहुत प्रभावी तरीके से सामने लाती थीं।
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राज कपूर थे भारतीय सिनेमा के राजदूत
प्रधानमंत्री ने कहा कि राज कपूर सिर्फ एक फिल्म निर्माता नहीं थे, बल्कि उन्होंने भारतीय सिनेमा को पूरी दुनिया में पहुंचाने का काम किया। उनकी फिल्मों ने भारतीय संस्कृति और जीवनशैली को ग्लोबल स्तर पर प्रस्तुत किया, जिससे भारतीय सिनेमा को एक वैश्विक पहचान मिली। उन्होंने फिल्ममेकरों को प्रेरित किया और उनकी विधाओं का सम्मान करना सिखाया।
राज कपूर के गाने आज भी पसंद किए जाते हैं
प्रधानमंत्री मोदी ने आगे लिखा कि आज भी राज कपूर के गाने पूरी दुनिया में लोकप्रिय हैं और लोग उनके द्वारा निभाए गए किरदारों को नहीं भूल पाते हैं। उनकी फिल्मों में उन पात्रों ने दर्शकों के दिलों में अपनी एक अलग जगह बनाई। राज कपूर की फिल्मों ने न केवल मनोरंजन किया, बल्कि उन्होंने भारतीय समाज की समस्याओं और उम्मीदों को भी पर्दे पर उतारा।
कपूर परिवार से मुलाकात और जयंती का निमंत्रण
हाल ही में कपूर परिवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी। इस मुलाकात के दौरान कपूर परिवार ने प्रधानमंत्री मोदी को राज कपूर की 100वीं जयंती पर आयोजित होने वाले फेस्टिवल का निमंत्रण दिया था। पीएम मोदी ने इस मुलाकात में राज कपूर के योगदान को याद करते हुए कहा था कि वह अपने समय से बहुत आगे थे। उन्होंने भारतीय सिनेमा के माध्यम से दुनिया भर के लोगों के बीच भारत को “सॉफ्ट पावर” के रूप में स्थापित किया।