सैम पित्रोदा के बयान पर राजनीतिक घमासान, भाजपा ने कांग्रेस पर उठाए सवाल

KNEWS DESK-  कांग्रेस के विदेश इकाई के प्रमुख सैम पित्रोदा एक बार फिर अपने बयान को लेकर सुर्खियों में हैं। इस बार उन्होंने चीन को लेकर विवादित बयान दिया है, जिससे देश की राजनीति में नया विवाद पैदा हो गया है। पित्रोदा ने कहा कि चीन हमारा दुश्मन नहीं है और चीन से होने वाले खतरे को अक्सर बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जाता है। उनके इस बयान के बाद भाजपा ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए तीखा विरोध किया है।

पित्रोदा ने कहा, “चीन से खतरे को हमेशा बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जाता है। भारत का दृष्टिकोण हमेशा टकरावपूर्ण रहा है, लेकिन अब समय आ गया है कि देशों को एक-दूसरे से सहयोग करना चाहिए, न कि टकराव। हमें यह मानसिकता बदलने की जरूरत है कि चीन हमेशा से हमारा दुश्मन है।” पित्रोदा का यह बयान उस सवाल का जवाब था जिसमें उनसे पूछा गया था कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चीन से उत्पन्न खतरे को नियंत्रित कर पाएंगे।

भाजपा का कड़ा जवाब: पित्रोदा के बयान को लेकर उठाए सवाल

भाजपा ने पित्रोदा के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, “यह टिप्पणी कांग्रेस की मानसिकता को दर्शाती है। कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा ने जिस तरह से चीन के खतरे को कम करके आंका है, वह चीन के समर्थन में कांग्रेस के नेताओं के बयानों की पुष्टि करता है।” त्रिवेदी ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि पार्टी के नेता चीन के समर्थन में बयान देते रहे हैं, जो भारतीय सुरक्षा और राष्ट्रीय हितों के खिलाफ है।

कांग्रेस पर और आरोप: चुनावी फंडिंग और पाकिस्तान से रिश्ते

इसके अलावा, सुधांशु त्रिवेदी ने कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि अमेरिका से भारत में फंडिंग की जाती है, जिसका इस्तेमाल चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित करने के लिए किया जाता है। त्रिवेदी ने कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई पर पाकिस्तान से रिश्ते रखने का आरोप भी लगाया। उन्होंने कांग्रेस से इस पूरे मामले पर स्पष्टीकरण देने की मांग की और यह भी सवाल उठाया कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने चुनाव आयोग की रिपोर्ट को क्यों खारिज किया था।

कांग्रेस का पलटवार: पित्रोदा के बयान पर जवाब

कांग्रेस ने हालांकि पित्रोदा के बयान का समर्थन किया और कहा कि यह उनका व्यक्तिगत दृष्टिकोण था, जिसे पार्टी ने स्वीकार किया है। कांग्रेस के नेता इस मुद्दे पर जवाब देने से बचते नजर आए। हालांकि पार्टी ने यह भी कहा कि भारत को अपने रिश्तों में व्यावहारिकता लानी चाहिए और चीन से खतरे को बढ़ा-चढ़ाकर पेश नहीं करना चाहिए।

सैम पित्रोदा के बयान पर अब तक राजनीति में तूफान मचा हुआ है। भाजपा ने उनके बयान को चीन के समर्थन के रूप में पेश किया है, जबकि कांग्रेस ने इसे एक व्यक्तिगत विचार करार दिया है। अब यह देखना होगा कि इस बयान का असर आगामी चुनावों और राजनीतिक समीकरणों पर क्या पड़ेगा, और कांग्रेस पार्टी इस मुद्दे पर किस प्रकार की प्रतिक्रिया देती है।

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