महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव को लेकर आयोग से बोले राजनीतिक दल- ज्यादा लंबा न खिंचे चुनाव, सीईसी ने लिए सुझाव

KNEWS DESK-  महाराष्ट्र में नवंबर में संभावित विधानसभा चुनावों की तैयारियों को लेकर राजनीतिक दलों ने चुनावी प्रक्रिया को सुगम बनाने के लिए कई सुझाव दिए हैं। मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार के नेतृत्व में निर्वाचन आयोग की टीम ने राज्य के विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की, जिसमें प्रमुख मुद्दों पर चर्चा हुई।

मतदान प्रक्रिया में सुधार की मांग

सभी दलों ने मतदान प्रक्रिया को सरल बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया। भाजपा ने कार्यदिवस में मतदान कराने का सुझाव दिया, जिससे मतदाता अधिक आसानी से अपने मताधिकार का उपयोग कर सकें। वहीं, कांग्रेस ने आवासीय सोसायटी में मतदान केंद्र बनाने पर आपत्ति जताई और इस मुद्दे को गंभीरता से उठाया। शिवसेना (यूबीटी) ने भी कम से कम चरणों में मतदान कराने की आवश्यकता पर बल दिया।

मतदान केंद्रों की संख्या और सुविधाएं

भाजपा ने प्रत्येक बूथ पर 1,000 से अधिक मतदाताओं की संख्या को सीमित करने की बात की, जो वर्तमान में 1,500 से 1,600 के बीच है। सभी दलों के प्रतिनिधियों ने मतदान केंद्रों पर कतारों को कम करने और वरिष्ठ नागरिकों के लिए बेहतर सुविधाओं की मांग की। निर्वाचन आयोग ने इन मांगों को ध्यान में रखते हुए आवश्यक कदम उठाने का आश्वासन दिया।

असुविधाओं पर आयोग का असंतोष

लोकसभा चुनाव के दौरान मतदाताओं को हुई असुविधाओं के संबंध में निर्वाचन आयोग ने राज्य के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक के साथ समीक्षा बैठक की। इस बैठक में आयोग ने असंतोष व्यक्त करते हुए कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में ऐसी समस्याएं नहीं होनी चाहिए। अधिकारियों को बेहतर सुविधाएं सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है।

तबादलों पर स्पष्टीकरण

निर्वाचन आयोग ने चुनाव से पहले तबादला आदेशों के पालन में विफलता पर स्पष्टीकरण मांगा है। मुंबई में निरीक्षकों और अन्य महत्वपूर्ण पदों पर राजस्व अधिकारियों के तबादले में सरकार की अनिच्छा को लेकर आयोग ने नाराजगी जताई। यह स्पष्ट किया गया है कि चुनाव की निष्पक्षता के लिए यह आवश्यक है कि सभी प्रक्रियाओं का पालन किया जाए।

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