KNEWS DESK – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार और शुक्रवार को लाओस के दो दिवसीय दौरे पर रवाना हो गए हैं, जहां वह 21वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन और 19वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे। यह यात्रा लाओस के प्रधानमंत्री सोनेक्से सिफांडोन के निमंत्रण पर हो रही है।
आसियान देशों के साथ भारत के संबंधों की समीक्षा
आपको बता दें कि भारत के विदेश मंत्रालय के सचिव, जयदीप मजूमदार ने बताया कि इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य आसियान और पूर्वी एशिया के साथ भारत के संबंधों को मजबूत करना है। पीएम मोदी की यह यात्रा आसियान देशों के साथ भारत के संबंधों की समीक्षा के साथ-साथ ‘एक्ट ईस्ट’ नीति की दसवीं वर्षगांठ भी मनाएगी।
मजूमदार ने कहा, “यह विशेष शिखर सम्मेलन भारत और आसियान के बीच रिश्तों के भविष्य की दिशा तय करेगा।”
द्विपक्षीय बैठकों की संभावना
इसके अलावा, पीएम मोदी के द्वारा द्विपक्षीय बैठकों की भी उम्मीद जताई गई है, जिससे क्षेत्रीय सहयोग को और अधिक मजबूती मिल सकेगी। पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में 10 आसियान देश और आठ पार्टनर देश, जैसे ऑस्ट्रेलिया, चीन, भारत, जापान, और अमेरिका शामिल होंगे।
नालंदा विश्वविद्यालय का पुनरुद्धार
मजूमदार ने नालंदा विश्वविद्यालय के पुनरुद्धार की पहल की भी चर्चा की, जो पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। प्रधानमंत्री ने हाल ही में नालंदा विश्वविद्यालय के नए परिसर का उद्घाटन किया है, जिससे शिक्षा और संस्कृति के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा मिलेगा।