KNEWS DESK- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने तीन दिवसीय अमेरिकी दौरे के दूसरे दिन अमेरिका की प्रमुख टेक कंपनियों के सीईओ के साथ एक गोलमेज बैठक में भाग लिया। इस बैठक में पीएम मोदी ने भारत की विकास संभावनाओं और विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देने की बात की।
बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पिछले साल जब मैं वाशिंगटन आया था, तब भी मुझे कई विशेषज्ञों से मिलने का अवसर मिला था। आज, एक साल बाद, यहां दुनिया के बड़े इन्नोवेटर्स के साथ बैठक कर मुझे गर्व महसूस हो रहा है।” उन्होंने भारत में तकनीकी सहयोग और निवेश की अभूतपूर्व संभावनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि 21वीं सदी प्रौद्योगिकी संचालित है, और लोकतांत्रिक मूल्यों के साथ तकनीक का संतुलन मानव कल्याण की गारंटी देता है।
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि भारत तेजी से ग्लोबल बायो-टेक पॉवर हाउस के रूप में उभर रहा है और बायो-फार्मा रिसर्च को बढ़ावा देने के लिए एक उपजाऊ पारिस्थितिकी तंत्र मौजूद है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि भारत और अमेरिका की टेक कंपनियां मिलकर वैश्विक चुनौतियों के समाधान में अहम भूमिका निभाएंगी।
मोदी ने AI की महत्वता पर भी चर्चा की, कहा कि “भारत उन पहले देशों में से एक है जिसने AI रणनीतियों पर काम किया है। मेरे लिए, AI का मतलब है ‘अमेरिका-भारत’।” उन्होंने भारत के नैतिक AI उपयोग पर जोर दिया और कहा कि प्रौद्योगिकी का लोकतांत्रिक उपयोग विभाजन को कम करता है।
चिप तकनीक पर बात करते हुए, पीएम मोदी ने कहा, “जैसे रीढ़ की हड्डी के बिना शरीर बेकार है, वैसे ही चिप के बिना तकनीक का कोई मतलब नहीं होता।” उन्होंने भारत की सेमीकंडक्टर योजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि हम इस क्षेत्र में गंभीरता से काम कर रहे हैं और जल्द से जल्द लक्ष्य पूरा करेंगे। इस प्रकार, पीएम मोदी की इस बैठक ने अमेरिका और भारत के बीच तकनीकी सहयोग को और मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान किया है, जिससे दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं में सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
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