KNEWS DESK- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज पालघर में एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम के दौरान छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति गिरने पर माफी मांगी। उन्होंने कहा कि छत्रपति महाराज सिर्फ राजा या महाराजा नहीं बल्कि एक आराध्य देव हैं और उन्होंने उनके चरणों में गिर कर माफी मांगी| इस अवसर पर उन्होंने विकास परियोजनाओं के उद्घाटन और शिलान्यास के साथ-साथ विरोधियों पर भी तीखे आरोप लगाए।
छत्रपति शिवाजी महाराज की श्रद्धांजलि
प्रधानमंत्री मोदी ने छत्रपति शिवाजी महाराज के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उनकी प्रेरणा से महाराष्ट्र और भारत के विकास की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा, आज पालघर में कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास एक ऐतिहासिक प्रयास के रूप में याद किया जाएगा। मोदी ने छत्रपति शिवाजी के सपनों को पूरा करने का संकल्प लिया और उन्हें आदर्श मानते हुए सरकार की योजनाओं का जिक्र किया।
विरोधियों पर हमला
प्रधानमंत्री ने विपक्षी नेताओं पर भी हमला बोला, आरोप लगाते हुए कहा कि वे भारत माता के महान सपूतों का अपमान करते हैं और देशभक्तों की भावनाओं को कुचलते हैं। मोदी ने कहा, महाराष्ट्र की जनता उनके संस्कार को अब जान गई है। इस बयान के साथ उन्होंने विरोधियों की आलोचना की और खुद को भारत की संस्कृति और इतिहास का संरक्षक बताया।
वधावन बंदरगाह प्रोजेक्ट का उद्घाटन
प्रधानमंत्री मोदी ने वधावन बंदरगाह परियोजना की नींव रखी, जिसे भारत का सबसे बड़ा कंटेनर पोर्ट और दुनिया के सबसे गहरे पोर्टों में से एक बताया। इस परियोजना की कुल लागत करीब 76 हजार करोड़ रुपये है। उन्होंने कहा कि यह बंदरगाह अंतरराष्ट्रीय शिपिंग रास्तों को सुगम बनाएगा और वैश्विक व्यापार को बढ़ावा देगा। इसके निर्माण से क्षेत्रीय विकास होगा और स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा।
मछली उत्पादन में वृद्धि
मोदी ने भारत के मछली उत्पादन में हुई वृद्धि की भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 2014 में भारत में 80 लाख टन मछली का उत्पादन होता था, जो अब बढ़कर करीब 170 लाख टन हो गया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाने के लिए भी काम कर रही है और प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत हजारों महिलाओं को मदद दी जा रही है।
विकास की दिशा में कदम
प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर कहा कि महाराष्ट्र और भारत की विकास यात्रा में वधावन बंदरगाह और अन्य परियोजनाएं महत्वपूर्ण मील के पत्थर साबित होंगी। उन्होंने कहा कि नया भारत अपनी क्षमताओं को पहचानते हुए समुद्री इंफ्रास्ट्रक्चर में नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है।