KNEWS DESK- समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने महाकुंभ हादसे में हुई मौतों को लेकर लोकसभा में सरकार से तीखे सवाल किए। उन्होंने सरकार से इस घटना पर पारदर्शिता बरतने की मांग की और मृतकों, घायलों के इलाज और आयोजन के लिए किए गए प्रबंधों की विस्तृत जानकारी सार्वजनिक करने को कहा।
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस के दौरान अखिलेश यादव ने महाकुंभ के दौरान हुई अव्यवस्थाओं की ओर इशारा करते हुए सरकार की जवाबदेही तय करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने मांग की कि इस गंभीर मुद्दे को स्पष्ट करने के लिए एक सर्वदलीय बैठक बुलाई जाए। उन्होंने सुझाव दिया कि आपदा प्रबंधन और खोया-पाया केंद्र को सेना के हवाले कर दिया जाना चाहिए ताकि आपात स्थिति में उचित और संगठित तरीके से कार्रवाई हो सके।
अखिलेश यादव ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि एक धार्मिक आयोजन के दौरान राजनीतिक प्रचार किया जाना अनुचित और निंदनीय है। उन्होंने कहा, “सरकार ने महाकुंभ को लेकर बड़े-बड़े दावे किए, कई टेलीविजन इंटरव्यू और समाचार चैनलों पर बताया गया कि सरकार ने 100 करोड़ लोगों के आगमन की व्यवस्था की है। अगर यह गलत है, तो मैं इस्तीफा देने के लिए तैयार हूं।”
उन्होंने सरकार से यह भी आग्रह किया कि महाकुंभ आयोजन में हुए खर्चों की जानकारी के साथ-साथ हादसे में मरने वालों, घायलों के इलाज, दवाओं, डॉक्टरों, भोजन, पानी और परिवहन सुविधाओं की उपलब्धता के आंकड़े संसद में पेश किए जाएं। उन्होंने महाकुंभ की व्यवस्थाओं की जांच के लिए एक स्वतंत्र समिति के गठन की भी मांग की, जिससे भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।
गौरतलब है कि महाकुंभ जैसे विशाल धार्मिक आयोजन में लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं, जिसके चलते प्रशासन की जिम्मेदारी अत्यधिक बढ़ जाती है। विपक्ष इस बात को लेकर चिंतित है कि क्या सरकार इस आयोजन में सुरक्षा और सुविधा से जुड़े पहलुओं को गंभीरता से ले रही है। अखिलेश यादव की यह मांग राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा सकती है और सरकार पर दबाव बना सकती है कि वह इस मामले में विस्तृत रिपोर्ट पेश करे।
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