KNEWS DESK – 13 दिसंबर 2001 को हुए संसद भवन पर आतंकी हमले की 23वीं बरसी के मौके पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और कांग्रेस नेता राहुल गांधी सहित कई नेताओं ने हमले के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर संसद भवन परिसर में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जहां वीर बलिदानियों को याद किया गया।
राष्ट्रपति मुर्मू का श्रद्धांजलि संदेश
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोशल मीडिया पर अपने संदेश में कहा, “मैं उन बहादुरों को अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करती हूं जिन्होंने 2001 में आज के दिन हमारी संसद की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी थी। उनका साहस और निस्वार्थ सेवा हमें प्रेरित करती रहेगी। राष्ट्र उनके और उनके परिवारों के प्रति हमेशा कृतज्ञ रहेगा।”
प्रधानमंत्री मोदी का श्रद्धांजलि संदेश
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संदेश में कहा, “2001 में संसद भवन पर हुए हमले में बलिदान हुए लोगों को श्रद्धांजलि। उनका बलिदान हमारे देश को हमेशा प्रेरित करता रहेगा। हम उनके साहस और समर्पण के लिए हमेशा आभारी रहेंगे।”
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला का सम्मान
लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा, “संसद परिसर में हुए आतंकी हमले की वर्षगाँठ पर लोकतंत्र के इस आस्था स्थल की रक्षा करते हुए सर्वोच्च बलिदान देने वाले सुरक्षाकर्मियों और संसदीय कर्मचारियों को कोटि-कोटि नमन। साहस और कर्तव्यनिष्ठा का वह शौर्यवान समर्पण वंदनीय है, राष्ट्र के प्रति सर्वस्व न्योछावर का वह भाव सदैव प्रेरणा देता रहेगा।”
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का श्रद्धांजलि संदेश
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, “कृतज्ञ राष्ट्र की ओर से अमर शहीदों को सादर श्रद्धांजलि। आज संसद भवन पर आतंकी हमले में शहीद भारत माता के वीर जवानों को हमने पुष्पांजलि अर्पित कर याद किया। आतंकवाद के विरुद्ध, पूरा देश एक है।”
संसद हमले का विवरण
13 दिसंबर 2001 की सुबह करीब 11:40 बजे एक एंबेसडर कार संसद भवन परिसर में घुसी, जो गृह मंत्रालय के फर्जी स्टीकर और लाल बत्तियों से सजी थी। इस कार में पांच आतंकवादी सवार थे। जैसे ही कार ने संसद भवन के गेट नंबर 12 की ओर बढ़ने की कोशिश की, सुरक्षा कर्मियों ने इसे वापस मुड़ने के लिए कहा, लेकिन कार नहीं मुड़ी और तेज़ी से उपराष्ट्रपति कृष्ण कांत की गाड़ी से टकरा गई। इसके बाद आतंकवादियों ने फायरिंग शुरू कर दी, जिस पर सुरक्षा जवानों ने भी जवाबी कार्रवाई की।करीब 45 मिनट तक चले इस ऑपरेशन में सभी पांच आतंकवादी मारे गए।
इस हमले में दिल्ली पुलिस के छह जवान, संसद सुरक्षा सेवा के दो जवान, एक माली और एक टीवी पत्रकार शहीद हो गए, जबकि 15 लोग घायल हो गए। आतंकियों की कार से 30 किलो आरडीएक्स बरामद हुआ था। संसद भवन में उस समय करीब 200 सांसद और मंत्री मौजूद थे, लेकिन सभी सुरक्षित रहे। यह हमला भारतीय लोकतंत्र पर एक गहरी चोट के रूप में याद किया जाता है|