KNEWS DESK – इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने सहायक शिक्षक भर्ती-2019 के तहत चयनित 69 हजार अभ्यर्थियों की सूची को रद्द कर दिया है। कोर्ट ने आदेश दिया है कि तीन महीने के भीतर नई चयन सूची तैयार की जाए। इस दौरान यदि वर्तमान में कार्यरत सहायक शिक्षकों पर विपरीत प्रभाव पड़ता है, तो मौजूदा सत्र का लाभ उन्हें दिया जाए ताकि छात्रों की पढ़ाई प्रभावित न हो।
लखनऊ बेंच ने शिक्षक भर्ती की मेरिट लिस्ट की रद्द
बता दें कि 69000 शिक्षक भर्ती मामले में हाईकोर्ट का बड़ा फैसला आ चुका है| इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने शिक्षक भर्ती की मेरिट लिस्ट रद्द कर दी है| इस आदेश से यूपी सरकार के साथ-साथ नई चयन सूची तैयार होने से पिछले 4 सालों से नौकरी कर रहे हजारों शिक्षकों को भी झटका लगा है| सरकार को न्यायमूर्ति एआर मसूदी और न्यायमूर्ति बृजराज सिंह की दो सदस्यीय पीठ ने यह निर्णय 13 अगस्त 2024 को सुनाया था। हालांकि, इस फैसले की कॉपी कोर्ट की वेबसाइट पर शुक्रवार को उपलब्ध कराई गई। इस निर्णय के तहत आरक्षित वर्ग के 6800 अभ्यर्थियों की सूची को भी खारिज कर दिया गया है, जिसे पांच जनवरी 2022 को जारी किया गया था।
पीठ ने यह भी स्पष्ट किया है कि सामान्य श्रेणी के लिए निर्धारित मेरिट अंक लाने पर आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को सामान्य श्रेणी में माइग्रेट किया जाएगा। इस निर्णय से एकल पीठ के 13 मार्च 2023 के आदेश को संशोधित किया गया है, जिसमें सामान्य श्रेणी के कट-ऑफ मार्क्स प्राप्त करने वाले आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को अनारक्षित वर्ग में रखा गया था।
69000 अभ्यर्थियों की चयन सूची पर पुनर्विचार
साल 2020 में जारी 69000 अभ्यर्थियों की चयन सूची पर पुनर्विचार करते हुए, पीठ ने निर्णय दिया कि नई चयन सूची बनाते समय सर्विस रूल्स 1981 के नियम 14 के तहत आरक्षण नियमों का पूर्ण पालन किया जाए। इस निर्णय के अनुसार ऊर्ध्वाधर और क्षैतिज आरक्षण दोनों को ध्यान में रखते हुए चयन प्रक्रिया की जाएगी।
कुल मिलाकर, यह आदेश सहायक शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। नई चयन सूची के निर्माण से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी पात्र अभ्यर्थियों को उचित अवसर मिले और मौजूदा शिक्षकों की स्थिति भी प्रभावित न हो।