अडानी और संभल पर विपक्ष का हंगामा, शीतकालीन सत्र के पहले दिन की कार्यवाही स्थगित, आगे और बढ़ेगा पारा!

KNEWS DESK-  संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार, 25 नवंबर 2024 से शुरू हो गया है, जो 20 दिसंबर तक चलेगा। इस सत्र में 5 नए विधेयक पेश किए जाएंगे, जबकि वक्फ (संशोधन) समेत 11 अन्य विधेयकों को चर्चा के लिए सूचीबद्ध किया गया है। सरकार इन विधेयकों को पारित करने की पूरी कोशिश करेगी, लेकिन विपक्षी दल कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों पर आक्रमक दिखाई दे रहे हैं, जिससे पूरा सत्र हंगामेदार होने की संभावना जताई जा रही है। सत्र के पहले दिन ही अडानी और संभल मुद्दे पर विपक्ष ने जोरदार हंगामा किया, जिसके चलते सदन की कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित कर दी गई। अब कार्यवाही 27 नवंबर, बुधवार से फिर से शुरू होगी।

सर्वदलीय बैठक और विपक्षी दलों के मुद्दे

शीतकालीन सत्र शुरू होने से एक दिन पहले, रविवार 24 नवंबर 2024 को एक सर्वदलीय बैठक बुलाई गई, जिसमें विपक्षी दलों ने कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की मांग की। कांग्रेस ने अडानी समूह के रिश्वत मामले और मणिपुर हिंसा पर सरकार से जवाब मांगा। इसके साथ ही, दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण, ट्रेन हादसों में वृद्धि, वक्फ संशोधन विधेयक और एक देश-एक चुनाव जैसे मुद्दे भी चर्चा में रहे।

विपक्ष के प्रमुख मुद्दे

  1. अडानी रिश्वत कांड और संभल हिंसा: विपक्ष अडानी समूह के खिलाफ आरोपों को लेकर एकजुट है। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने सरकार पर अडानी को बचाने का आरोप लगाया है। इस मुद्दे पर संसद में पहले ही हंगामा हो चुका है, और आगे भी इस पर गहमागहमी जारी रहने की संभावना है। इसके अलावा, संभल हिंसा पर भी विपक्ष ने चर्चा की मांग की है, जिसके चलते संसद में हंगामा हो सकता है।
  2. मणिपुर हिंसा: मणिपुर में हिंसा की घटनाएं फिर से बढ़ गई हैं, और विपक्ष ने इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जवाब मांगा है। मणिपुर के हालात पर भी विपक्षी दलों ने गहरी चिंता जताई है और इस पर संसद में चर्चा की मांग की है।
  3. बढ़ता प्रदूषण: दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र में बढ़ते प्रदूषण पर विपक्षी दल सरकार से समाधान के उपाय जानना चाहते हैं। प्रदूषण नियंत्रण के लिए सरकार की रणनीतियों पर संसद में बहस हो सकती है, और विपक्ष इसे लेकर सरकार को घेरने की तैयारी में है।
  4. ट्रेन हादसे: पिछले एक साल में देशभर में ट्रेन हादसों की संख्या में वृद्धि हुई है। विपक्षी दल इन हादसों की जांच और सुरक्षा उपायों पर सरकार से जवाब मांग सकते हैं। इस मुद्दे पर भी हंगामा हो सकता है।
  5. वक्फ बिल: वक्फ (संशोधन) विधेयक पर विपक्षी दलों द्वारा विरोध किए जाने की संभावना है। इस विधेयक पर पहले ही जेपीसी में विवाद हो चुका है, और सदन में भी इस पर तीव्र बहस हो सकती है।
  6. एक देश-एक चुनाव: इस सत्र में एक देश-एक चुनाव से संबंधित विधेयक लाए जाने की चर्चा है, जिस पर विपक्षी दल विरोध कर सकते हैं। यह मुद्दा भी संसद में हंगामे का कारण बन सकता है।

कुल मिलाकर, इस सत्र में विपक्ष और सरकार के बीच कई अहम मुद्दों पर तनाव बढ़ सकता है। अडानी कांड, मणिपुर हिंसा, प्रदूषण, ट्रेन हादसे, वक्फ संशोधन विधेयक और एक देश-एक चुनाव जैसे विवादों के बीच यह सत्र हंगामेदार रह सकता है। विपक्ष की तरफ से सरकार से जवाब और कार्रवाई की मांग की जा रही है, और यह देखना दिलचस्प होगा कि इस सत्र के दौरान कितने मुद्दों पर संसद में गरमागरम बहस होती है।

 ये भी पढ़ें-  Uttarakhand: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ‘साबरमती रिपोर्ट’ फिल्म को उत्तराखंड में टैक्स फ्री करने की घोषणा की

About Post Author