KNEWS DESK – उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में इस वर्ष के देव दीपावली पर्व को लेकर पुलिस कमिश्नरेट ने सुरक्षा व्यवस्था को लेकर एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। वाराणसी को आगामी 12 नवंबर से 16 नवंबर तक ‘नो फ्लाई जोन’ घोषित किया गया है। यह आदेश भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 163 के तहत जारी किया गया है, ताकि देव दीपावली के इस धार्मिक अवसर पर सुरक्षा व्यवस्था को सुनिश्चित किया जा सके।
पुलिस प्रशासन ने उठाए कड़े कदम
बता दें कि विश्वप्रसिद्ध देव दीपावली पर्व के मद्देनजर वाराणसी में सुरक्षा और विधि-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस प्रशासन ने कड़े कदम उठाए हैं। पुलिस कमिश्नर ने पूरे शहर को ‘नो फ्लाई जोन’ घोषित कर दिया है। यह प्रतिबंध 16 नवंबर की मध्यरात्रि तक प्रभावी रहेगा।
अपर पुलिस आयुक्त (कानून एवं व्यवस्था), वाराणसी ने एक आदेश जारी करते हुए बताया कि 12 नवंबर की मध्यरात्रि से लेकर 16 नवंबर की मध्यरात्रि तक पूरे शहर में ड्रोन, पतंग, गुब्बारे और अन्य उड़ने वाली वस्तुओं के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। इस अवधि में बिना अनुमति के इन वस्तुओं के उड़ाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह कदम सुरक्षा के मद्देनजर उठाया गया है, क्योंकि देव दीपावली के दौरान वाराणसी में लाखों श्रद्धालु और विशिष्ट अतिथि आते हैं। ऐसे में इस बात का पूरा ध्यान रखा जाएगा कि कोई भी उड़ने वाली वस्तु सुरक्षा में विघ्न न डाले। इसके अलावा, इस आदेश का उद्देश्य कानून-व्यवस्था बनाए रखना और श्रद्धालुओं की भीड़ के दौरान किसी भी प्रकार की दुर्घटना से बचाव करना है।
प्रतिबंध के कारण
वाराणसी में देव दीपावली के अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु और पर्यटक पहुंचते हैं। इस साल सरकार और प्रशासन ने इस आयोजन को भव्य बनाने की खास तैयारी की है। इसलिए यह आवश्यक था कि सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उड़ने वाली वस्तुओं पर प्रतिबंध लगाया जाए। कमिश्नरेट के आदेश में कहा गया कि इस तरह की वस्तुएं जैसे ड्रोन, पतंग और गुब्बारे सुरक्षा के लिए खतरा उत्पन्न कर सकते हैं, खासकर जब भीड़भाड़ और विशिष्ट अतिथियों की मौजूदगी हो। इन चीजों के उड़ने से न केवल सुरक्षा में विघ्न आ सकता है, बल्कि इससे दुर्घटनाओं का भी खतरा हो सकता है।
यूपी सरकार की विशेष तैयारी
उत्तर प्रदेश सरकार ने देव दीपावली को लेकर खास तैयारी की है और इस बार आयोजन को और भी भव्य बनाने का निर्णय लिया है। अयोध्या के दीपोत्सव के बाद वाराणसी की देव दीपावली को भी एक अद्वितीय रूप में प्रस्तुत किया जाएगा।
अधिकारियों के अनुसार, देव दीपावली के दौरान काशी के ऐतिहासिक घाटों पर ‘3डी प्रोजेक्शन’ के जरिए सनातन धर्म के प्रमुख अध्यायों का चित्रण किया जाएगा। यह प्रोजेक्शन काशी के प्रसिद्ध घाटों की दीवारों पर होगा, जिसमें मां गंगा के अवतरण और भगवान शिव की महिमा का प्रदर्शन किया जाएगा। इसके अलावा चेत सिंह घाट पर एक विशेष ‘3डी प्रोजेक्शन मैपिंग लेजर शो’ का आयोजन होगा, जो आधे घंटे तक चलेगा और इसमें मां गंगा और भगवान शिव के महिमामंडन पर आधारित चित्रण किया जाएगा। यह कार्यक्रम न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होगा, बल्कि काशी की सांस्कृतिक विरासत को भी प्रदर्शित करेगा।
देव दीपावली का महत्व:
देव दीपावली, जिसे काशी में विशेष रूप से मनाया जाता है, हिंदू धर्म के प्रमुख पर्वों में से एक है। यह पर्व कार्तिक मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है, जब मान्यता है कि देवता अपने निवास स्थान से धरती पर आकर दीप जलाते हैं। वाराणसी, जिसे काशी भी कहा जाता है, इस दिन पूरी तरह से दीपों से सज जाता है और घाटों पर दीपों की दीपमालिका की छटा एक अद्वितीय दृश्य प्रस्तुत करती है।