KNEWS DESK – मुंबई में महाविकास अघाड़ी (MVA) ने छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने के विरोध में एक बड़ा प्रदर्शन आयोजित किया। यह विरोध प्रदर्शन ‘जूते मारो’ आंदोलन के नाम से जाना जा रहा है, जिसमें महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और अन्य प्रमुख नेताओं ने हिस्सा लिया।
हुतात्मा चौक से गेटवे ऑफ इंडिया तक निकाला मार्च
महाविकास अघाड़ी ने हुतात्मा चौक से गेटवे ऑफ इंडिया तक मार्च निकाला। इस मार्च में उद्धव ठाकरे, आदित्य ठाकरे, संजय राउत, नाना पटोले जैसे कई नेता शामिल हुए। 26 अगस्त को महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले में छत्रपति शिवाजी महाराज की 35 फुट ऊंची प्रतिमा गिर गई थी, जो पिछले साल दिसंबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अनावरण की गई थी। मूर्ति गिरने की घटना के बाद सियासी बवाल मचा और सीएम शिंदे, डिप्टी सीएम अजित पवार और पीएम मोदी ने माफी मांगी थी।
महाराष्ट्र के सम्मान की रक्षा के लिए आंदोलन
उद्धव ठाकरे ने इस आंदोलन को महाराष्ट्र के सम्मान की रक्षा के लिए बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार की नीति महाराष्ट्र का अपमान करने की है और माफी मांगने की बजाय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राजनीतिक बयानबाजी कर रहे हैं। ठाकरे ने कहा, “हमें महाराष्ट्र में ही हमारी पुलिस द्वारा रोका जा रहा है। यह महाराष्ट्र का अपमान है। पीएम किस बात की माफी मांग रहे हैं—मूर्ति गिरने की या मूर्ति बनाने में घोटाले की?”
गेटवे ऑफ इंडिया के आसपास सुरक्षा व्यवस्था
MVA के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए गेटवे ऑफ इंडिया को पर्यटकों के लिए बंद कर दिया गया है। प्रदर्शन स्थल पर सुरक्षा बलों की भारी तैनाती की गई है, जिसमें पुलिस, स्टेट रिजर्व पुलिस, दंगा नियंत्रण दस्ता और अन्य सुरक्षा एजेंसियां शामिल हैं। प्रदर्शनकारियों ने चप्पल लेकर मार्च किया और सरकार के पुतले पर चप्पल फेंकने का ऐलान किया है। पुलिस ने चेतावनी दी है कि नियमों का उल्लंघन करने पर कार्रवाई की जाएगी और मार्च को कालाघोड़ा तक ही सीमित रखने की योजना है।
महाराष्ट्र की श्रद्धा, मान-सम्मान और स्वाभिमान पर हमला
शिवाजी महाराज की मूर्ति महाराष्ट्र की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक पहचान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। प्रतिमा के गिरने को लेकर MVA ने इसे महाराष्ट्र की श्रद्धा, मान-सम्मान और स्वाभिमान पर हमला बताया। शिवसेना सांसद अरविंद सावंत ने इसे देवी-देवता की बेइज्जती करार दिया और आरोप लगाया कि इस मुद्दे पर उचित ध्यान नहीं दिया जा रहा।