विवादों में घिरे मंत्री विजय शाह, हाई कोर्ट की टिप्पणी ने पुलिस की भूमिका पर उठाए सवाल

KNEWS DESK-  मध्य प्रदेश सरकार में जनजातीय मामलों के मंत्री विजय शाह एक बार फिर विवादों के घेरे में हैं। इस बार उन्होंने भारतीय सेना की अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर आपत्तिजनक बयान दिया, जिसके खिलाफ देशभर में तीव्र प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। मामला इतना गंभीर हुआ कि एफआईआर दर्ज होने के बाद सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया। हालांकि, अब हाई कोर्ट की टिप्पणी ने इस पूरे मामले में पुलिस की भूमिका पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

मामले की सुनवाई के दौरान मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने साफ तौर पर कहा कि एफआईआर में जानबूझकर ऐसी गलतियां की गई हैं, जिससे कि भविष्य में इसे रद्द किया जा सके। कोर्ट की यह टिप्पणी इस ओर इशारा करती है कि एफआईआर की कमजोर बुनियाद मंत्री विजय शाह को कानूनी फायदा पहुंचाने के इरादे से रखी गई है। इस टिप्पणी ने न केवल पुलिस की निष्पक्षता पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि सरकार की नीयत पर भी जनता और विपक्ष को संदेह करने का मौका दे दिया है।

विजय शाह कोई नए विवादों में फंसे नेता नहीं हैं। खंडवा की हरसूद विधानसभा सीट से आठ बार विधायक रह चुके शाह का आदिवासी समाज में गहरा प्रभाव है। लेकिन उनका विवादित बयानों का इतिहास भी उतना ही लंबा है:

  • 2013: तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पत्नी को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, जिसके चलते उन्हें मंत्रिमंडल से हटाया गया था।

  • 2018: ट्रांसजेंडर समुदाय को लेकर अपमानजनक बयान दिया – “जो अपने शिक्षकों का सम्मान नहीं करते, वो अगले जन्म में ताली बजाते फिरेंगे।”

  • 2022: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए पूर्व प्रधानमंत्रियों को “घोड़ा, गधा और हाथी छाप” कह दिया।

  • राहुल गांधी पर भी तंज कसते हुए कहा था कि “अगर कोई 50-55 साल का लड़का शादी नहीं करता तो लोग पूछते हैं कि उसमें कोई कमी तो नहीं है?”

इन बयानों से साफ है कि शाह कई बार लक्ष्मण रेखा लांघ चुके हैं, लेकिन हर बार राजनीतिक संरक्षण ने उन्हें बचा लिया।

अब सवाल यह उठता है कि क्या इस बार भी विजय शाह को राजनैतिक सुरक्षा का कवच मिल जाएगा? हाई कोर्ट की टिप्पणी के बाद इस मामले में एक बार फिर जांच की प्रक्रिया, पुलिस की भूमिका और राजनीतिक हस्तक्षेप पर गंभीर बहस शुरू हो गई है।

विपक्षी दलों ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरना शुरू कर दिया है और मांग की जा रही है कि विजय शाह को मंत्री पद से तुरंत हटाया जाए। वहीं, जनता यह देख रही है कि क्या कानून सभी के लिए एक समान है, या फिर सत्ता के पास होने से गलतियां भी माफ हो जाती हैं।

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