KNEWS DESK, मणिपुर के जिरीबाम जिले में सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता मिली है। बोरोबेक्रा सबडिवीजन के जकुराधोर करोंग इलाके में चलाए गए एक ऑपरेशन में सीआरपीएफ और स्थानीय पुलिस ने मिलकर 10 कुकी उग्रवादियों को ढेर कर दिया। हालांकि इस अभियान में सीआरपीएफ का एक जवान घायल हो गया है, जिसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
सुरक्षा बलों द्वारा लगातार प्रयास जारी
बता दें कि यह ऑपरेशन मणिपुर में जारी जातीय संघर्ष के बीच चलाया गया, जिसमें उग्रवादी समूहों की गतिविधियों को नियंत्रित करने के लिए सुरक्षा बलों द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। मणिपुर की इंफाल घाटी और आसपास के इलाके इन दिनों जातीय हिंसा और उग्रवादी हमलों से जूझ रहे हैं। विशेष रूप से कुकी उग्रवादियों ने किसानों को निशाना बनाकर आतंक मचाया है, जिससे खेती-किसानी प्रभावित हो रही है और लोग खौफ में हैं।
किसानों पर लगातार हमले
जिरीबाम में सुरक्षाबलों की सफलता के बावजूद, इंफाल घाटी में स्थिति गंभीर बनी हुई है। सोमवार को कांगपोकपी जिले के पहाड़ी इलाकों से उग्रवादियों ने खेतों में काम कर रहे किसानों पर गोलीबारी की। इस हमले में एक किसान घायल हो गया, जिससे क्षेत्र में दहशत फैल गई है। यह घटना पिछले तीन दिनों से जारी किसान हमलों का हिस्सा है। हमलों के कारण किसानों का अपने खेतों में काम करना मुश्किल हो गया है, जिससे फसल की कटाई भी प्रभावित हो रही है।
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, हमले की घटना सुबह करीब 9:20 बजे हुई, जब उग्रवादियों ने याइंगंगपोकपी शांतिखोंगबन क्षेत्र में हमला किया। घायल किसान को याइंगंगपोकपी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज दिया गया, और उसकी स्थिति अब खतरे से बाहर बताई जा रही है।
सुरक्षा बलों की जवाबी कार्रवाई
उग्रवादियों के हमले के बाद सुरक्षा बलों ने त्वरित जवाबी कार्रवाई शुरू की। पुलिस अधिकारी ने बताया कि उग्रवादियों और सुरक्षाबलों के बीच कुछ देर तक गोलीबारी हुई, लेकिन सुरक्षाबलों ने स्थिति को नियंत्रित कर लिया। हाल के दिनों में मणिपुर के विभिन्न इलाकों में उग्रवादियों द्वारा की गई इस प्रकार की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं, जिससे इलाके में असुरक्षा का माहौल बन गया है।
पूर्व में हुए हमले और बढ़ता तनाव
इसके पहले शनिवार को चुराचांदपुर जिले में भी पहाड़ी इलाकों से उग्रवादियों ने गोलीबारी की थी, जिसमें एक महिला किसान की मौत हो गई थी। यह घटना विष्णुपुर जिले के सैटोन इलाके में घटी, जहां एक 34 वर्षीय महिला किसान गोली लगने से मौके पर ही मारी गई। इसके अलावा, रविवार को इंफाल पूर्व जिले के कई इलाकों में भी उग्रवादियों द्वारा हमले किए गए थे। मणिपुर में मई 2023 से जातीय संघर्ष चल रहा है, जब मेइती और कुकी समुदायों के बीच हिंसा भड़क उठी थी। अब तक इस संघर्ष में 200 से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं, और स्थिति में कोई बड़ी राहत देखने को नहीं मिली है।
सुरक्षा बलों की लगातार मुहिम
सुरक्षा बलों की ओर से जवाबी कार्रवाई की जा रही है, लेकिन उग्रवादियों के हमले लगातार जारी हैं। अधिकारी उम्मीद जताते हैं कि सुरक्षा बलों की कार्रवाई से धीरे-धीरे स्थिति पर काबू पाया जाएगा, लेकिन नागरिकों के लिए स्थिति अभी भी चुनौतीपूर्ण बनी हुई है। मणिपुर सरकार और सुरक्षा एजेंसियां स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक रही हैं, लेकिन जातीय तनाव और उग्रवादी गतिविधियों के चलते आम लोगों की जिंदगी कठिन होती जा रही है।