KNEWS DESK – महाराष्ट्र में चुनाव प्रचार के बीच राजनीतिक बयानबाजी तेज होती जा रही है और अब कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर करारा हमला करते हुए उसे तैमूर लंग से तुलना की। खरगे का यह बयान बीजेपी पर हमलावर रूप में आया और इसे लेकर राजनीतिक हलकों में तगड़ी प्रतिक्रिया देखने को मिली।
चुनावी रैली में बीजेपी की आलोचना
आपको बता दें कि महाराष्ट्र में चुनाव प्रचार के दौरान मल्लिकार्जुन खरगे ने अपनी चुनावी रैली में बीजेपी की आलोचना करते हुए कहा, “अब बीजेपी तैमूर लंग की दो टांगों पर हुकूमत चला रही है। पहले कहा जाता था 400 पार, मोदी है तो सब कुछ है। लेकिन अब मोदी की गारंटी और 400 पार का नारा दोनों ही फुस्स हो चुके हैं। बीजेपी अपनी हुकूमत को किसी और की टांग पर चलाकर चल रही है।”
BJP की गारंटियों पर हमला
खरगे ने आगे कहा, “बीजेपी झूठी गारंटियों के बल पर लोगों को गुमराह कर रही है। महाविकास अघाड़ी ने अपनी जनता से जो वादे किए हैं, हम उन्हें निभाएंगे। कर्नाटक में हम 52 हजार करोड़ रुपये का बजट जनता की भलाई के लिए रख रहे हैं और इस पैसे का 47% हिस्सा पहले ही खर्च हो चुका है। जबकि प्रधानमंत्री मोदी पिछले 10 सालों में अपनी गारंटियों को पूरा करने में पूरी तरह से नाकाम रहे हैं।”
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोलते हुए कहा, “मोदी ने लोगों से कहा था कि हर खाते में 15 लाख रुपये डालेंगे और हर साल 2 करोड़ नौकरी देंगे। लेकिन इन वादों का क्या हुआ? क्या आपने अपनी गारंटियों को पूरा किया?”
राजनीतिक बयानबाजी का दौर
महाराष्ट्र चुनाव प्रचार में राजनीतिक बयानबाजी का यह दौर अब विवादों से भर चुका है। जहां एक ओर खरगे ने बीजेपी पर तैमूर लंग से तुलना करते हुए हमला बोला, वहीं दूसरी ओर एनसीपी नेता जितेंद्र आव्हाड ने अजित पवार पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने अपने चाचा की पार्टी और चुनाव चिन्ह दोनों को चुरा लिया। आव्हाड ने आरोप लगाया, “अजित पवार ने शरद पवार को पार्टी से बाहर धक्का दिया और पार्टी का चुनाव चिन्ह तक चुराया। यह पॉकेटमारों की टोली है।”
इसी तरह, शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के सांसद अरविंद सावंत ने भी शिंदे गुट की उम्मीदवार शाइना एनसी पर तंज कसते हुए कहा, “वे हमेशा बीजेपी में थीं, अब कहीं नहीं, फिर दूसरी पार्टी में चली गईं। यह इम्पोर्टेड माल हमारी पार्टी में नहीं चलेगा, हमारे यहां सिर्फ ओरिजिनल माल ही चलता है।”
निगाहें 20 नवंबर पर
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में अब महाविकास अघाड़ी और महायुति (बीजेपी-शिवसेना) के बीच मुख्य मुकाबला बन चुका है। दोनों ही गठबंधन विकास के वादे करते हुए चुनावी मैदान में हैं। इन विवादास्पद बयानों के बीच, चुनावी सरगर्मी लगातार बढ़ रही है और यह निश्चित रूप से 20 नवंबर को होने वाली वोटिंग पर असर डाल सकता है।