महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव: औरंगाबाद में एआईएमआईएम को भारी समर्थन, बदल सकते हैं राजनीतिक समीकरण

KNEWS DESK- 20 नवंबर को होने वाले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में औरंगाबाद की सीट विशेष रूप से चर्चा का केंद्र बनी हुई है। राज्य की 48 लोकसभा सीटों में से एक औरंगाबाद, जो पहले कांग्रेस का गढ़ रहा, समय के साथ यहां शिवसेना और फिर एआईएमआईएम (ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन) ने अपनी पकड़ मजबूत की। 2019 के चुनाव में औरंगाबाद की जनता ने सियासी रुख बदलते हुए यह सीट एआईएमआईएम के हवाले कर दी थी। इस बार भी चुनावी माहौल में एआईएमआईएम को मुस्लिम समुदाय का भारी समर्थन मिल रहा है, जिससे अन्य दलों के लिए यहां कड़ी चुनौती पैदा हो गई है।

महाराष्ट्र में विपक्ष और औरंगाबाद में एआईएमआईएम को समर्थन

50 वर्षीय ऑटो ड्राइवर जमीर शेख, जो महाराष्ट्र में विपक्षी महाविकास अघाड़ी (एमवीए) गठबंधन को सत्ता में देखना चाहते हैं, अपने औरंगाबाद पूर्व निर्वाचन क्षेत्र में असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली एआईएमआईएम का समर्थन करने का निर्णय ले चुके हैं। यह स्थिति महाराष्ट्र में एआईएमआईएम की महत्वाकांक्षा को दर्शाती है, जो राज्य में मुस्लिम समुदाय की एक प्रमुख आवाज बनने की ओर बढ़ रही है। औरंगाबाद, जिसे अब छत्रपति संभाजी नगर के नाम से जाना जाता है, में मुस्लिम समुदाय की बड़ी संख्या के चलते एआईएमआईएम को व्यापक जनसमर्थन मिल रहा है।

औरंगाबाद में एआईएमआईएम का प्रभाव और चुनावी उम्मीदवार

288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा की 16 सीटों में से दो सीटों पर एआईएमआईएम चुनाव लड़ रही है। एआईएमआईएम के प्रमुख उम्मीदवारों में से एक इम्तियाज जलील, जो पूर्व सांसद रह चुके हैं, औरंगाबाद पूर्व से चुनावी मैदान में हैं। दूसरी ओर, औरंगाबाद सेंट्रल से नासिर सिद्दीकी पार्टी की ओर से प्रत्याशी हैं। इम्तियाज जलील, जिन्होंने पिछले लोकसभा चुनाव में दूसरे स्थान पर रहते हुए काफी मत हासिल किए थे, इस बार विधानसभा चुनाव में अपनी जीत का परचम लहराने का प्रयास कर रहे हैं।

निजाम के दौर से जुड़ा ऐतिहासिक प्रभाव

ऐतिहासिक रूप से निजाम शासित क्षेत्र रहे औरंगाबाद में मुस्लिम समुदाय का विशेष प्रभाव रहा है। असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम, जो पूरे राज्य में मुस्लिम समुदाय के हितों की आवाज उठाने का प्रयास कर रही है, इस क्षेत्र में विशेष समर्थन प्राप्त कर रही है। ओवैसी की पार्टी ने यहां मुस्लिम समुदाय के मुद्दों को प्रमुखता से उठाकर औरंगाबाद में एक मजबूत जनाधार तैयार किया है, जो अन्य दलों के लिए चिंता का विषय बनता जा रहा है।

एआईएमआईएम के बढ़ते प्रभाव से बदले समीकरण

मुस्लिम समुदाय के समर्थन और एआईएमआईएम की जमीनी पकड़ के चलते महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में औरंगाबाद की सीट पर मुकाबला कड़ा हो गया है। विपक्षी गठबंधन महाविकास अघाड़ी को राज्य स्तर पर बढ़त हासिल करने की उम्मीद है, लेकिन औरंगाबाद में एआईएमआईएम के समर्थन में आई तेजी से राजनीतिक समीकरण बदल सकते हैं। एआईएमआईएम की मजबूत स्थिति न केवल औरंगाबाद बल्कि महाराष्ट्र के अन्य मुस्लिम-बहुल क्षेत्रों में भी विपक्षी दलों के लिए चुनौती बन सकती है।

इस चुनावी माहौल में एआईएमआईएम के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि 20 नवंबर का यह चुनाव औरंगाबाद की राजनीति में नई दिशा तय कर सकता है।

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