KNEWS DESK- सहकारिता मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने गुरुवार को भोपाल रेलवे स्टेशन प्लेटफार्म नंबर-1 के पास द्वारका नगर कोच फैक्ट्री से छोला स्थित खेड़ापति हनुमान मंदिर के पास के क्षेत्र को सीधे लाभान्वित करने वाले आरओबी निर्माण स्थल का निरीक्षण किया। यह भोपाल क्षेत्र के लिए एक बड़ी सौगात है। आरओबी का लाभ भोपाल के सभी लोगों को होगा। कनेक्टिविटी के कारण करोंद, बैरसिया, स्टेशन, छोला, अरेरा कॉलोनी, भेल, मीनाल सहित निशातपुरा क्षेत्र के सभी रहवासियों को इसका लाभ मिलेगा।
लगभग 15 किलोमीटर की दूरी होगी कम
मंत्री श्री सारंग ने बताया कि यह उनका ड्रीम प्रोजेक्ट है। इसके बन जाने से लगभग 15 किलोमीटर का राउंड बचेगा। यह क्षेत्र की जनता के लिए बड़ी सौगात है। जल्द ही इसका भूमि-पूजन किया जायेगा। मंत्री श्री सारंग ने रेलवे, पीडब्ल्यूडी, नगर निगम, पुलिस और जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ आरओबी के प्लॉन की जानकारी लेकर निश्चित समयावधि में कार्य पूरा करने के निर्देश दिये।
15 लाख की आबादी होगी लाभान्वित
मंत्री श्री सारंग ने कहा कि यह आरओबी भोपाल रेलवे स्टेशन के समीप द्वारका नगर से होते हुए छोला स्थित खेड़ापति हनुमान मंदिर के पास उतरेगा। इसकी लम्बाई लगभग 610 मीटर और चौड़ाई 9.5 मीटर होगी। उन्होंने कहा कि 6 रेलवे ट्रैक के ऊपर बनने वाला यह भोपाल का पहला आरओबी होगा, जो देश के लिये इंजीनियरिंग का अनूठा उदाहरण प्रस्तुत करेगा। इसके निर्माण से लगभग 15 लाख की आबादी लाभान्वित होगी।
18 माह में 90 करोड़ की लागत से होगा तैयार
मंत्री श्री सारंग ने कहा कि लगभग 90 करोड़ की लागत से आरओबी का निर्माण रेलवे द्वारा करवाया जा रहा है। प्रथम चरण की राशि 72 करोड़ शासन द्वारा रेलवे को जारी कर दी गयी है। इसके टेंडर और वर्क-ऑर्डर हो चुके हैं। यह ब्रिज 18 माह में बनकर तैयार होगा।
नये भोपाल, विदिशा, बैरसिया से होगी कनेक्टिविटी
मंत्री श्री सारंग ने बताया कि इसके निर्माण से पुराने और नये भोपाल के साथ विदिशा, बैरसिया सहित आसपास के क्षेत्रों की कनेक्टिविटी सुदृढ़ होगी। इससे क्षेत्रवासियों का आवागमन सुगम होगा। उन्होंने बताया कि अभी भोपाल प्लेटफार्म नम्बर-1 से छोला की तरफ जाने वाली छोटी गाड़ियों को पुलिया से होकर गुजरना पड़ता है। वहीं बड़ी गाड़ियों को स्टेशन प्लेटफार्म नम्बर-1 से छोला की ओर जाने के लिये भारत टॉकीज आरओबी से लम्बा चक्कर लगाना पड़ता है। आरओबी निर्माण से 15 किलोमीटर का लम्बा चक्कर बचेगा। इसके बन जाने से यातायात सुगम होगा और जनता को राहत मिलेगी।
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