KNEWS DESK- मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बीते सोमवार को उज्जैन में धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग के नए संचालनालय का उद्घाटन किया| इस अवसर पर उन्होंने महत्वपूर्ण घोषणाओं के साथ उज्जैन को धार्मिक और प्रशासनिक दृष्टि से नई दिशा देने का आश्वासन दिया| मुख्यमंत्री ने कहा कि अब से इस विभाग का मुख्यालय उज्जैन में होगा, जो पहले भोपाल में स्थित था। उज्जैन की धार्मिक महत्वता को देखते हुए, यह निर्णय लिया गया है कि विभाग यहीं से बेहतर तरीके से संचालित हो सकेगा।
मुख्यमंत्री ने उज्जैन में एक नया कमिश्नरी कार्यालय खोलने की योजना की भी घोषणा की। यह कार्यालय धार्मिक स्थलों के लिए धनराशि की मंजूरी देगा और मंदिरों के निर्माण के लिए 26 करोड़ रुपए का बजट उपलब्ध कराएगा। इसके अतिरिक्त, राज्य सरकार प्रदेश के धार्मिक पर्यटन को प्रोत्साहित करने के लिए व्यापक योजनाएं बना रही है। इस योजना के तहत, उज्जैन, सलकनपुर, दतिया, ओरछा सहित अन्य प्रमुख धार्मिक स्थलों का विकास किया जाएगा, और 13 नए धार्मिक पर्यटन स्थलों को भी विकसित किया जाएगा। इस कार्य के लिए 500 करोड़ रुपए का बजट निर्धारित किया गया है।
मुख्यमंत्री ने सिंहस्थ मेले के भव्य आयोजन की तैयारी की भी बात की। उन्होंने आश्वस्त किया कि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा का सामना नहीं करना पड़े, इसके लिए सभी आवश्यक इंतजाम किए जाएंगे। सांसद अनिल फिरोजिया ने इस मौके पर कहा कि धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग का संचालनालय उज्जैन में खुलना शहर के विकास में महत्वपूर्ण योगदान करेगा और मुख्यमंत्री मोहन यादव के नेतृत्व में धार्मिक कार्यों को बढ़ावा मिल रहा है।
मुख्यमंत्री ने उज्जैन में दो नए थानों की स्थापना की भी घोषणा की। इनमें से एक थाना महाकाल लोक परिसर में और दूसरा इंदौर रोड पर बनाया जाएगा, जिससे शहर की सुरक्षा व्यवस्था में सुधार होगा। इसके साथ ही, 400 नए होमगार्ड सैनिकों की भर्ती की जाएगी, जो सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ करेंगे|
उज्जैन के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह शहर हमेशा से ज्ञान और धर्म का केंद्र रहा है। उन्होंने कहा, उज्जैन के अनेक नाम हैं, जिनमें अवंतिका, अमरावती, पद्मावती, कनकवती और कुसुमवती शामिल हैं। हर नाम इसका विशेष महत्व दर्शाता है| मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि उज्जैन को उसकी पुरानी पहचान लौटाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है और यह नगरी हर काल में अपनी विशेषताओं के लिए जानी जाती रही है|