KNEWS DESK, जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में शहीद हुए भारतीय नौसेना के लेफ्टिनेंट विनय नरवाल को अंतिम विदाई देने का दृश्य बेहद भावुक कर देने वाला था। जैसे ही उनका पार्थिव शरीर दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर लाया गया, उनकी नवविवाहित पत्नी हिमांशी शव से लिपटकर रोने लगीं। वह बार-बार कहती रहीं, “मैं कैसे जिऊंगी? कैसे रहूंगी?” यह वही हिमांशी हैं जिनकी शादी विनय नरवाल से महज सात दिन पहले, 16 अप्रैल को हुई थी। उनके हाथों की मेहंदी तक नहीं सूखी थी कि इस भयानक त्रासदी ने उनका सब कुछ छीन लिया।
लेफ्टिनेंट विनय नरवाल को श्रद्धांजलि देने के लिए नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी स्वयं एयरपोर्ट पहुंचे और पुष्प अर्पित किए। उनके अलावा वायुसेना प्रमुख और दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने भी नरवाल को नम आंखों से श्रद्धांजलि दी।
हरियाणा के करनाल जिले से थे लेफ्टिनेंट नरवाल
26 वर्षीय विनय नरवाल हरियाणा के करनाल जिले के भुसली गांव के रहने वाले थे। उनका परिवार फिलहाल करनाल शहर में रहता है। वह छुट्टियों पर अपनी पत्नी के साथ पहलगाम घूमने गए थे, जहां आतंकियों ने उनकी गोली मारकर हत्या कर दी। एक रिश्तेदार ने बताया कि शादी के बाद पूरा परिवार खुश था और उत्सव का माहौल था। पड़ोसन सीमा ने कहा कि शादी भव्य तरीके से हुई थी और पूरा मोहल्ला खुशी मना रहा था। किसी को अंदाजा नहीं था कि इतनी जल्दी यह खुशी मातम में बदल जाएगी। विनय और हिमांशी का स्विट्जरलैंड में हनीमून मनाने का प्लान था, लेकिन छुट्टियों की वजह से पहले कश्मीर घूमने का फैसला किया। पड़ोसी ने कहा, “हम कल्पना भी नहीं कर सकते कि उनके परिवार पर इस वक्त क्या बीत रही होगी।”
धार्मिक पहचान कर की गई थी हत्याएं
22 अप्रैल को सेना की वर्दी में आए आतंकवादियों ने पहलगाम में पर्यटकों से उनका धर्म पूछ-पूछकर हिंदू होने पर उन्हें गोली मार दी। इस हमले में 26 लोगों की मौत हुई और करीब 20 घायल हो गए। यह घटना उस वक्त हुई जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सऊदी अरब दौरे पर थे और अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेन्स भारत दौरे पर आए हुए थे।इस कायराना आतंकी हमले की दुनियाभर में निंदा हो रही है। एक नवविवाहित जोड़े के सपनों को जिस तरह से कुचला गया, उसने पूरे देश को झकझोर दिया है।