KNEWS DESK- दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को एक पत्र लिखकर पांच महत्वपूर्ण सवाल उठाए हैं। केजरीवाल ने पत्र में केंद्र सरकार की नीतियों और विपक्षी पार्टियों के नेताओं को डराने-धमकाने के तरीकों पर चिंता जताई है।
चिट्ठी में उठाए गए सवाल
- सरकारों का गिरना: केजरीवाल ने पूछा कि क्या ED और CBI की धमकियों के जरिए चुनी हुई सरकारों को गिराना लोकतंत्र के लिए सही है? उन्होंने कहा कि सत्ता हासिल करने के लिए बेईमानी की कोई मंजूरी नहीं होनी चाहिए।
- भ्रष्टाचार का आरोप: उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने कुछ नेताओं को भ्रष्ट कहा, और फिर उन्हें भाजपा में शामिल कर लिया। क्या यह उचित है?
- आरएसएस की जिम्मेदारी: केजरीवाल ने आरएसएस से यह भी पूछा कि क्या उन्होंने कभी प्रधानमंत्री को गलत कामों से रोका है? उन्होंने कहा कि अगर भाजपा भ्रमित हो रही है, तो इसे सही रास्ते पर लाने की जिम्मेदारी आरएसएस की है।
- जेपी नड्डा का बयान: केजरीवाल ने जेपी नड्डा के उस बयान पर सवाल उठाया जिसमें उन्होंने कहा कि भाजपा को अब आरएसएस की जरूरत नहीं है। उन्होंने आरएसएस कार्यकर्ताओं की भावनाओं का भी जिक्र किया।
- कानून का पालन: उन्होंने सवाल उठाया कि भाजपा के लिए बनाए गए एक कानून का पालन क्यों नहीं किया जा रहा, जो 75 साल की उम्र के बाद भाजपा नेताओं को रिटायर करने का प्रावधान करता है।
केजरीवाल की चिंता
केजरीवाल ने पत्र में लिखा, “आज देश के हालात को लेकर मैं बहुत चिंतित हूं। जिस दिशा में भाजपा की केंद्र सरकार देश और राजनीति को ले जा रही है, यह सभी के लिए हानिकारक है।” उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अगर यही स्थिति बनी रही, तो लोकतंत्र और देश दोनों को खतरा होगा।
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