KNEWS DESK- काशी, महादेव की पवित्र नगरी, एक बार फिर देव दीपावली के भव्य उत्सव के लिए सजने को तैयार है। मान्यता है कि इस दिन भगवान स्वयं स्वर्ग से धरती पर आते हैं, और काशी की पावन धरती पर दीपों की रौशनी से उनका स्वागत होता है। इस साल देव दीपावली के अवसर पर काशी के 84 घाटों, कुंडों और तालाबों सहित 221 से अधिक स्थानों पर कुल 21 लाख दीप जलाए जाएंगे, जो कि काशी को रोशन करने के साथ ही इस शहर की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को भी और अधिक सुंदर बनाएंगे।
देव दीपावली की भव्यता
देव दीपावली पर काशी में एक अद्भुत दृश्य देखने को मिलेगा, जब हर घाट, तालाब और कुंड दीपों से जगमगाएंगे। इन दीपों की रौशनी से न केवल काशी के घाटों की सुंदरता में वृद्धि होगी, बल्कि यह संदेश भी जाएगा कि यह दिव्य शहर अपने सभी आगंतुकों को शुभकामनाओं और आशीर्वादों से स्वागत करता है। इस बार की देव दीपावली में काशी की धार्मिक और सांस्कृतिक धारा को प्रदर्शित करने के लिए कई आकर्षक झांकियां भी लगाई जाएंगी।
झांकियों का विशेष आयोजन
इस बार देव दीपावली की झांकियों में नारी सशक्तिकरण, नशामुक्ति और काशी की ऐतिहासिक धरोहर को लेकर कई खास संदेश दिए जाएंगे। काशी को सजाने-संवारने में महत्वपूर्ण योगदान देने वाली अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती के अवसर पर तीन प्रमुख घाटों पर उनकी वीरगाथा को प्रदर्शित किया जाएगा। इसके अलावा, राजघाट सहित कई अन्य घाटों पर गायत्री माता, नशा मुक्ति और नारी सशक्तिकरण के संदेश के साथ सुंदर झांकियां सजाई जाएंगी।
भोषले घाट पर विशेष रूप से रतन टाटा को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए दीप जलाए जाएंगे, जबकि अन्य घाटों पर समाज के विभिन्न पहलुओं से जुड़े महत्वपूर्ण संदेशों को उजागर किया जाएगा। इस बार देव दीपावली की थीम होगी “जाति पंथ अनेक, हम सनातनी एक” जो कि काशी की समरसता और एकता का प्रतीक होगा।
21 लाख दीपों से रोशन होंगे घाट और कुंड
आचार्य वागीश दत्त और पं. गंगाधर उपाध्याय, जो देव दीपावली एवं आरती महासमिति के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष हैं, ने बताया कि इस बार कुल 21 लाख दीप जलाए जाएंगे, जो काशी के 84 घाटों, वरुणा और गोमती के तटों, कुंडों और तालाबों पर रोशन होंगे। इस आयोजन में 70 से अधिक संस्थाएं भाग लेंगी, जो 12 लाख दीप जलाएंगी, जबकि बाकी दीप प्रशासन की ओर से जलाए जाएंगे।
इस दिव्य आयोजन के तहत घाटों पर अलग-अलग थीम के अनुसार दीप जलाए जाएंगे। अहिल्याबाई होल्कर की झांकी को मणिकर्णिका, पंचगंगा और अन्य घाटों पर सजाया जाएगा, वहीं गायत्री माता और नशा मुक्ति की थीम भी प्रमुख रूप से प्रदर्शित की जाएगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का दौरा
15 नवंबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ काशी आएंगे, जहां वे सतुआ बाबा को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। इस अवसर पर कार्तिक शुक्ल पूर्णिमा के दिन विशेष धार्मिक आयोजन होंगे। मुख्यमंत्री के साथ इस समारोह में काशी और देशभर के साधु-संतों की उपस्थिति रहेगी। संतोष दास, महामंडलेश्वर, ने बताया कि 14 नवंबर से रामचरितमानस पाठ का आयोजन शुरू हो गया है, जो 15 नवंबर को संपन्न होगा।
इसके बाद, प्रातः 6 बजे से 11 ब्राह्मण ललिता सहस्त्रनाम का पाठ करेंगे, और हवन के बाद 20 वैदिक विद्वान वेदों के पाठ करेंगे। दोपहर में 12 बजे काशी के विभिन्न संत और साधु यमुनाचार्य महाराज को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। श्रद्धांजलि सभा के बाद, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में देव दीपावली उत्सव का आयोजन होगा, जिसमें दीपों से काशी को सजाया जाएगा।
काशी का धार्मिक और सांस्कृतिक उत्सव
इस बार की देव दीपावली न केवल धार्मिक उत्सव होगी, बल्कि यह काशी की सांस्कृतिक धरोहर को भी उजागर करने का अवसर बनेगी। काशी के घाटों पर दीपों की रौशनी से एक अलौकिक वातावरण बनेगा, जो न केवल श्रद्धालुओं को आकर्षित करेगा, बल्कि काशी के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को भी रेखांकित करेगा।
यह आयोजन काशी के लिए एक नई पहचान और गौरव का प्रतीक बन जाएगा, जब 21 लाख दीप एक साथ जलाए जाएंगे और इस भव्य उत्सव के दौरान काशी की दीवारों, घाटों और कुंडों से आध्यात्मिक रौशनी फैल जाएगी। देव दीपावली का यह उत्सव काशी के लोग, श्रद्धालु और पर्यटक एक साथ मिलकर मनाएंगे, जो इस पवित्र नगरी की धार्मिक शक्ति और एकता को और भी मजबूती देगा।