KNEWS DESK – भारत के 51वें मुख्य न्यायाधीश (CJI) के रूप में जस्टिस संजीव खन्ना ने शपथ ग्रहण कर लिया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज सुबह राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में उन्हें शपथ दिलाई। जस्टिस खन्ना, जो अब तक सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश रहे हैं, जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की जगह लेंगे, जिनका कार्यकाल 10 नवंबर 2024 को समाप्त हुआ। जस्टिस खन्ना का कार्यकाल 13 मई 2025 तक जारी रहेगा।
ऐतिहासिक फैसलों का हिस्सा रहे हैं जस्टिस खन्ना
बता दें कि जस्टिस संजीव खन्ना का नाम उन न्यायधीशों में शुमार है जिन्होंने देश के कई महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक फैसलों में अहम भूमिका निभाई है। इनमें सबसे प्रमुख फैसला जम्मू और कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निरस्त करने का है, जिसके तहत राज्य का विशेष दर्जा समाप्त कर दिया गया था। इसके अलावा, उन्होंने चुनावी बॉन्ड योजना को लेकर भी महत्वपूर्ण निर्णय लिया, जिसमें उन्होंने इस योजना की कानूनी वैधता पर सवाल उठाए थे।
साथ ही, जस्टिस खन्ना ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत देने के फैसले में भी अहम भूमिका निभाई थी। इसके अलावा, उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) की पवित्रता और निष्पक्षता बनाए रखने के लिए भी कई सख्त फैसले दिए हैं।
जस्टिस खन्ना का करियर और शिक्षा
जस्टिस संजीव खन्ना का जन्म 14 मई, 1960 को दिल्ली में हुआ था। उनके पिता, देव राज खन्ना, दिल्ली हाई कोर्ट के न्यायाधीश रहे थे और उनके चाचा, एच आर खन्ना, भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश थे। जस्टिस खन्ना ने अपनी शिक्षा दिल्ली विश्वविद्यालय के कैंपस लॉ सेंटर से प्राप्त की थी और बाद में राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण (NALSA) के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया।
वो 1983 में दिल्ली बार काउंसिल से वकील के रूप में पेशेवर करियर की शुरुआत करने के बाद कई वर्षों तक दिल्ली हाई कोर्ट और जिला अदालतों में प्रैक्टिस करते रहे। इसके बाद, उन्होंने 2004 में दिल्ली हाई कोर्ट में स्थायी वकील (सिविल) के रूप में काम किया और आयकर विभाग के वरिष्ठ स्थायी वकील के रूप में भी सेवा दी।
जस्टिस खन्ना की नियुक्ति प्रक्रिया
जस्टिस खन्ना की नियुक्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक उच्च स्तरीय प्रक्रिया का पालन किया गया था। 16 अक्टूबर 2024 को, तत्कालीन CJI जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने जस्टिस खन्ना के नाम को CJI के पद के लिए प्रस्तावित किया था। इसके बाद, 24 अक्टूबर को केंद्र सरकार ने उनकी नियुक्ति का औपचारिक ऐलान किया।
जस्टिस चंद्रचूड़ का विदाई समारोह
जस्टिस चंद्रचूड़ का कार्यकाल 10 नवंबर को समाप्त हो गया, और इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों, वकीलों और कर्मचारियों ने उनका विदाई समारोह आयोजित किया। इस दौरान जस्टिस चंद्रचूड़ के दो साल के सफल कार्यकाल की सराहना की गई और उन्हें भावभीनी विदाई दी गई।