KNEWS DESK – झारखंड कांग्रेस के विधायक दल के नेता रामेश्वर उरांव और प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो कमलेश ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर लैंड बैंक और भूमि अधिग्रहण के संशोधित कानून को तुरंत रद्द करने की मांग की है। साथ ही, उन्होंने दलित समुदायों के लिए जाति प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया को सरल बनाने और भूमिहीन दलित परिवारों को जमीन पट्टा देने की भी मांग की है।
लैंड बैंक का विवाद
कांग्रेस नेताओं ने अपने पत्र में कहा कि रघुवर दास सरकार ने झारखंड के 22 लाख एकड़ सामुदायिक जमीन को लैंड बैंक में डाल दिया था, जिसके लिए ग्राम सभा की सहमति नहीं ली गई। उन्होंने इसे पेसा कानून का उल्लंघन बताया, यह कहते हुए कि आदिवासी गांवों में सामुदायिक भूमि का विशेष महत्व होता है।
भूमि अधिग्रहण कानून की आलोचना
कांग्रेस ने भूमि अधिग्रहण कानून (झारखंड) संशोधन, 2017 पर भी सवाल उठाए हैं। नेताओं का कहना है कि इस कानून के तहत निजी और सरकारी परियोजनाओं के लिए बिना ग्राम सभा की सहमति और सामाजिक प्रभाव आकलन के बहुफसलीय भूमि और सामुदायिक भूमि का जबरन अधिग्रहण किया जा सकता है, जो पेसा कानून का उल्लंघन है।
दलित समुदाय की समस्याएं
पत्र में दलित समुदायों को जाति प्रमाण पत्र बनवाने में हो रही समस्याओं का भी उल्लेख किया गया है। झारखंड में 27 सूचिबद्ध दलित जातियों में से अधिकांश भूमिहीन हैं, और लाखों दलित परिवारों के सदस्य जाति प्रमाण पत्र से वंचित हैं। कांग्रेस ने मांग की है कि दलित समुदायों का जाति प्रमाण पत्र बनाने की प्रक्रिया को सरल किया जाए और भूमिहीन दलित परिवारों को जमीन का पट्टा दिया जाए।