जम्मू-कश्मीर: मेंढर में आयोजित रैली को संबोधित करते हुए अमित शाह ने विपक्षी दलों पर साधा निशाना, कहा – “इन परिवारों की राजनीति की वजह से आतंकवाद को मिला बढ़ावा”

KNEWS DESK – जम्मू-कश्मीर में आगामी चुनावों के बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्षी दलों, विशेषकर अब्दुल्ला, मुफ्ती और नेहरू-गांधी परिवारों पर जमकर निशाना साधा। मेंढर में आयोजित एक रैली में शाह ने कहा कि यह चुनाव इन परिवारों की राजनीति को ध्वस्त करने वाला साबित होगा।

आतंकवाद को समाप्त करने के प्रयास

शनिवार को दिन भर के व्यस्त चुनाव प्रचार से पहले शाह शुक्रवार रात को जम्मू पहुंचे, इस दौरान वे जम्मू कश्मीर के तीन जिलों में पांच सार्वजनिक रैलियों को संबोधित करेंगे। मेंढर में आयोजित एक रैली में अपने संबोधन के दौरान उन्होंने आरोप लगाया कि इन तीन परिवारों ने दशहतगर्दी को बढ़ावा दिया है और जम्मू-कश्मीर में स्थायी शांति की राह में बाधा बनी हैं। शाह ने कहा, “90 के दशक से अब तक इन परिवारों ने केवल आतंकवाद को समर्थन दिया है। अगर 2014 में मोदी सरकार नहीं आती, तो पंचायत और अन्य चुनाव नहीं हो पाते।”

अमित शाह ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में जम्मू-कश्मीर से आतंकवाद को समाप्त करने के प्रयास किए गए हैं, और आज युवाओं के हाथों में लैपटॉप है, न कि पत्थर। उन्होंने यह बात भी कही कि पहले आतंकवादी गतिविधियों के कारण यहाँ की स्थिति भयावह थी, लेकिन अब देश की सेना और सरकार के दृढ़ संकल्प से स्थिति में सुधार हुआ है।

अमित शाह शुक्रवार को जम्मू में जारी करेंगे भाजपा का संकल्प पत्र

आरक्षण का मुद्दा

शाह ने आरक्षण का मुद्दा उठाते हुए कहा कि मोदी जी ने ओबीसी, पिछड़ों, गुर्जर बकरवाल और पहा​ड़ियों को आरक्षण देने का काम किया है। उन्होंने कहा, “जब मैंने यह बिल पेश किया, तब फारूक अब्दुल्ला की पार्टी ने इसका विरोध किया। लेकिन हमने अपने वादे को निभाया है।” उन्होंने कहा कि गुर्जरों और पहाड़ियों को आरक्षण देने का काम किया गया है और वह इसे जारी रखेंगे।

पाकिस्तान का डर

शाह ने यह भी कहा कि अब पाकिस्तान को डर है कि अगर वह फिर से गोलीबारी करता है, तो उसे उसका कड़ा जवाब मिलेगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि पहले जम्मू-कश्मीर में स्थिति गंभीर थी, लेकिन अब सुरक्षा बलों की दृढ़ता के कारण स्थिति में सुधार हुआ है।

अमित शाह का यह बयान जम्मू-कश्मीर में दूसरे चरण के मतदान से पहले आया है, और यह स्पष्ट करता है कि केंद्र सरकार चुनावों में इन पारिवारिक राजनीतिक ढांचों के खिलाफ एक मजबूत रुख अपनाने का इरादा रखती है।

About Post Author

Leave a Reply

Your email address will not be published.