KNEWS DESK – भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार (11 फरवरी) को फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ AI एक्शन समिट की सह-अध्यक्षता की। इस महत्वपूर्ण आयोजन में उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के लिए वैश्विक संचालन व्यवस्था और मानक स्थापित करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
AI के बढ़ते प्रभाव पर मोदी का जोर
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा, “AI हमारी अर्थव्यवस्था, सुरक्षा और समाज को नया आकार दे रहा है और मानवता के लिए एक नया कोड लिख रहा है।” उन्होंने यह भी कहा कि हम AI युग के शुरुआती दौर में हैं, जो भविष्य में मानवता की दिशा तय करेगा।
इस सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने घोषणा की कि भारत अगले वैश्विक AI शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा। उन्होंने AI के विकास के लिए स्थायी AI परिषद में AI फाउंडेशन की स्थापना के निर्णय का स्वागत किया। यह निर्णय वैश्विक AI सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
AI के प्रभाव को समझाने के लिए मोदी का उदाहरण
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में AI के उपयोग को समझाने के लिए एक दिलचस्प उदाहरण दिया। उन्होंने कहा, “यदि आप अपनी मेडिकल रिपोर्ट किसी AI एप पर अपलोड करते हैं, तो यह सरल भाषा में उसका अर्थ समझा सकता है। लेकिन यदि आप उसी एप से किसी व्यक्ति की बाएं हाथ से लिखने की छवि बनाने के लिए कहते हैं, तो संभवतः एप दाएं हाथ से लिखते हुए व्यक्ति को दिखाएगा, क्योंकि प्रशिक्षण डेटा में यही हावी है।”
मोदी की 5 प्रमुख सिफारिशें
प्रधानमंत्री मोदी ने AI विकास के दौरान इन 5 महत्वपूर्ण बिंदुओं पर ध्यान देने की आवश्यकता बताई—
- ओपन-सोर्स सिस्टम विकसित किए जाएं – जिससे AI में विश्वास और पारदर्शिता बनी रहे।
- गुणवत्तापूर्ण और पक्षपात-रहित डेटा सेंटर बनाए जाएं – ताकि AI निर्णय अधिक निष्पक्ष और सटीक हो।
- AI प्रौद्योगिकी का लोकतंत्रीकरण हो – जिससे यह सभी के लिए सुलभ हो और हर किसी को समान अवसर मिलें।
- साइबर सुरक्षा, गलत सूचना और डीपफेक से जुड़ी चिंताओं का समाधान किया जाए – जिससे AI का दुरुपयोग रोका जा सके।
- AI को स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र में एकीकृत किया जाए – ताकि यह अधिक प्रभावी और उपयोगी साबित हो।