भारत ने इस्राइल-हमास युद्ध विराम समझौते का किया स्वागत, गाजा में शांति और मानवीय सहायता की उम्मीद

KNEWS DESK-  भारत ने इस्राइल और हमास के बीच हुए युद्ध विराम समझौते का स्वागत किया है, जिसे कतर की राजधानी में महीनों चली कड़ी बातचीत के बाद अंतिम रूप दिया गया। भारत के विदेश मंत्रालय ने इस समझौते के बाद गाजा में शांति और मानवीय सहायता की बढ़ोतरी की उम्मीद जताई है। मंत्रालय ने बयान में कहा, “हम बंधकों की रिहाई और गाजा में युद्ध विराम के लिए इस समझौते की घोषणा का स्वागत करते हैं। हमें उम्मीद है कि इससे गाजा के लोगों को मानवीय सहायता की सुरक्षित और निरंतर आपूर्ति होगी। हम लगातार बंधकों की रिहाई, युद्ध विराम और कूटनीतिक समाधान की दिशा में काम करने की अपील करते रहे हैं।”

इस्राइल-हमास युद्ध की पृष्ठभूमि

इस्राइल और हमास के बीच संघर्ष 7 अक्टूबर 2023 को एक बड़े हमले के साथ शुरू हुआ, जब हमास ने इस्राइल के विभिन्न हिस्सों पर हमला किया, जिससे लगभग 1200 इस्राइली नागरिक मारे गए और सैकड़ों अन्य लोग बंधक बना लिए गए। इसके बाद इस्राइल ने गाजा पर हवाई हमले शुरू कर दिए, जिनमें अब तक 45,000 से अधिक फलस्तीनी नागरिकों की मौत हो चुकी है। गाजा के बड़े हिस्से पूरी तरह से तबाह हो गए हैं और लगभग 23 लाख की आबादी का करीब 90 फीसदी हिस्सा विस्थापित हो चुका है। इन विस्थापितों की ज़िंदगी कठिन हो गई है, लाखों लोग तंबू में रहने को मजबूर हैं और भुखमरी का सामना कर रहे हैं।

समझौते में क्या-क्या है?

कतर की राजधानी में हुई लंबी और कठिन बातचीत के बाद इस समझौते में कई महत्वपूर्ण शर्तें रखी गईं। सबसे बड़ी बात यह है कि हमास ने बंधक बनाए गए दर्जनों लोगों को चरणबद्ध तरीके से रिहा करने पर सहमति जताई है। इसके साथ ही, इस्राइल ने भी सैकड़ों फलस्तीनी कैदियों को रिहा करने का वादा किया है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा, “हमारे प्रशासन ने 8 महीने की निरंतर बातचीत के बाद युद्धविराम और बंधक समझौते पर सहमति बनाने में सफलता प्राप्त की है।” यह समझौता तीन चरणों में लागू होगा और 19 जनवरी 2025 से प्रभावी हो जाएगा।

समझौते के प्रभाव और अंतर्राष्ट्रीय समर्थन

अमेरिका, कतर, मिस्र और अन्य अंतर्राष्ट्रीय साझेदारों ने यह सुनिश्चित करने का वचन दिया है कि सभी तीन चरणों का पालन किया जाएगा और यह समझौता पूरी तरह से लागू होगा। इन देशों ने संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतर्राष्ट्रीय भागीदारों के साथ मिलकर इस प्रक्रिया को सफल बनाने का भी वादा किया है।

भारत का कहना है कि यह समझौता शांति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है और गाजा में मानवीय सहायता को बेहतर बनाने में मदद करेगा। भारत ने हमेशा बातचीत और कूटनीति के रास्ते पर जोर दिया है और इस समझौते को भी इसी दृष्टिकोण से सकारात्मक कदम के रूप में देखा है। भारत और अन्य अंतर्राष्ट्रीय समुदाय इस संघर्ष का समाधान तलाशने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं, ताकि गाजा में शांति लौट सके और वहां के लोग मानवीय सहायता प्राप्त कर सकें।

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