KNEWS DESK – राजस्थान की उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी ने शुक्रवार को पुष्कर सरोवर पर आयोजित महा आरती में शामिल होने के बाद एक ऐतिहासिक घोषणा की। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार मिलकर पुष्कर को काशी-विश्वनाथ और अयोध्या की तर्ज पर विकसित करने के लिए प्रयासरत हैं। यह घोषणा राजस्थान के धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को और भी बढ़ाने वाली है।
वैश्विक धार्मिक और सांस्कृतिक स्थल के रूप में होगा पुष्कर का विकास
आपको बता दें कि पुष्कर को धार्मिक पर्यटन और सांस्कृतिक धरोहर के लिहाज से एक प्रमुख केंद्र के रूप में स्थापित करने के लिए सरकार ने महत्वाकांक्षी योजनाएं बनाई हैं। दिया कुमारी ने कहा, “पुष्कर न केवल राजस्थान के लिए बल्कि पूरे देश के लिए आस्था और विश्वास का केंद्र है। इसे एक वैश्विक धार्मिक और सांस्कृतिक स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा। इस विकास में आधुनिक सुविधाओं का समावेश किया जाएगा, लेकिन साथ ही यहां की परंपराओं और सांस्कृतिक धरोहर को भी पूरी तरह से सहेजा जाएगा।”
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने पुष्कर के विकास के लिए एक विस्तृत योजना तैयार की है, जिसे केंद्र सरकार के सहयोग से लागू किया जाएगा। उनका उद्देश्य सिर्फ धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देना नहीं, बल्कि स्थानीय निवासियों के जीवन स्तर में भी सुधार करना है।
पुष्कर मेला 2024में श्रद्धालुओं की रिकॉर्ड संख्या
इस दौरान, दिया कुमारी ने कार्तिक पूर्णिमा के साथ सम्पन्न हुए ऐतिहासिक पुष्कर मेले के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस बार पुष्कर मेला 2019 के बाद सबसे ज्यादा श्रद्धालुओं और पर्यटकों को आकर्षित करने में सफल रहा। मेले के सात दिनों में छह लाख से अधिक घरेलू श्रद्धालु और 20,000 विदेशी पर्यटक शामिल हुए, जो 2019 के रिकॉर्ड को तोड़ते हुए एक नया मील का पत्थर साबित हुआ।
“यह न केवल पुष्कर के महत्व को दर्शाता है, बल्कि यह हमारी पर्यटन नीतियों की सफलता का भी प्रमाण है,” दिया कुमारी ने कहा। उन्होंने कहा कि बढ़ते श्रद्धालुओं की संख्या से यह साफ है कि पुष्कर का महत्व केवल धार्मिक दृष्टिकोण से ही नहीं, बल्कि पर्यटन और आर्थिक विकास के दृष्टिकोण से भी निरंतर बढ़ रहा है।
विकास के नए आयाम
पुष्कर, जो पहले से ही ब्रह्मा जी के मंदिर और पुष्कर सरोवर के कारण एक प्रमुख तीर्थ स्थल है, अब नए विकास कार्यों के साथ धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन के केंद्र के रूप में उभरने वाला है। सरकार का यह प्रयास न केवल श्रद्धालुओं और पर्यटकों के अनुभव को और बेहतर बनाएगा, बल्कि स्थानीय व्यापार और रोजगार के अवसरों में भी वृद्धि करेगा। सरकार के इस विकासात्मक दृष्टिकोण में, श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए बेहतर सुविधाएं, साफ-सफाई, सुरक्षित आवागमन, और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन शामिल होगा। इसके साथ ही, स्थानीय समुदाय को भी इसके सकारात्मक परिणामों से लाभ मिलेगा, जिससे उनके जीवन स्तर में सुधार होगा।