KNEWS DESK- कुरुक्षेत्र में गीता जयंती का आयोजन अत्यंत धूमधाम से किया जा रहा है। इस अवसर पर दुनिया भर में गीता के श्लोक गूंज रहे हैं, और श्रद्धालु व भक्त ऑनलाइन प्रणाली के माध्यम से इस पवित्र ग्रंथ के संदेश से जुड़ रहे हैं।
सुबह 11 बजे कुरुक्षेत्र के थीम पार्क में एक भव्य वैश्विक गीता पाठ का आयोजन किया गया। इस पाठ में गीता के पहले श्लोक, मध्यस्थ श्लोक और अंतिम श्लोक का सामूहिक उच्चारण किया गया। इस आयोजन में न केवल भारत के विभिन्न राज्यों, जैसे हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश और दिल्ली के लोग शामिल हुए, बल्कि विदेशों से भी लगभग डेढ़ करोड़ लोग ऑनलाइन जुड़े। इस विशेष अवसर पर कुरुक्षेत्र में उपस्थित लोग गीता के शिक्षाओं से प्रेरित होकर अपने जीवन को धार्मिक और आध्यात्मिक रूप से समृद्ध करने का संकल्प ले रहे थे।
इस वैश्विक गीता पाठ के साथ हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने घोषणा की कि कुरुक्षेत्र के थीम पार्क का नाम अब “केशव पार्क” रखा जाएगा। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर गीता के महत्व और उसकी सार्वभौमिकता पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि गीता के श्लोक न केवल भारतीय संस्कृति को समृद्ध करते हैं, बल्कि पूरे विश्व में शांति और सद्भाव की भावना को बढ़ावा देते हैं।
कुरुक्षेत्र के स्कूलों में इस खास दिन को देखते हुए कल छुट्टी की घोषणा की गई है। इस अवसर पर बांग्लादेश में हिन्दुओं की रक्षा और मंदिरों की सुरक्षा के लिए अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव का यह वैश्विक गीता पाठ समर्पित किया गया।
इस आयोजन में कई प्रमुख हस्तियां भी उपस्थित रही। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के साथ केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, तंजानिया की मंत्री पिंडी हजारा चत्रा और गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद सहित अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने इस कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद ने बताया कि इस वैश्विक गीता पाठ में कुरुक्षेत्र के विभिन्न स्कूलों के 18 हजार विद्यार्थी भी शामिल हुए।
इस विशेष अवसर पर दोपहर बाद तीर्थ सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। शाम 5 बजे सन्नहित सरोवर पर दीपोत्सव कार्यक्रम का आयोजन होगा। 5:30 बजे पुरुषोत्तमपुरा बाग में दीपदान और महाआरती की जाएगी। इसके बाद शाम 6:30 बजे पुरुषोत्तमपुरा बाग में प्रसिद्ध कलाकार मीनाक्षी शेषाद्री द्वारा कृष्ण लीला डांस ड्रामा सांस्कृतिक कार्यक्रम का शुभारंभ होगा।
इस आयोजन के जरिए न केवल गीता के संदेश का प्रचार किया जा रहा है, बल्कि कुरुक्षेत्र को एक धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र के रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है, जहां से दुनिया भर के लोग आध्यात्मिक रूप से जुड़ सकते हैं।
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