KNEWS DESK- फतेहपुर जिले के ललौली कस्बे में प्रशासन ने मंगलवार को नूरी जामा मस्जिद के एक हिस्से को जेसीबी की मदद से गिरा दिया है। यह कार्रवाई सड़क चौड़ीकरण के नाम पर की गई है, जिसके चलते मस्जिद का एक बड़ा हिस्सा तोड़ा गया। इस दौरान प्रशासन ने कस्बे में सुरक्षा बढ़ाते हुए भारी पुलिस बल तैनात किया और क्षेत्र को पूरी तरह से सील कर दिया।
सुरक्षा के इंतजाम में तैनात हुई भारी पुलिस फोर्स
मस्जिद को गिराने के दौरान प्रशासन ने पूरे इलाके में सुरक्षा व्यवस्था को सख्त कर दिया। पुलिस बल के साथ रैपिड एक्शन फोर्स भी गली-गली में तैनात रही। इस दौरान प्रशासन ने कस्बे के लोगों को अपने घरों में रहने की हिदायत दी और सभी दुकानों को बंद करवा दिया, जो मस्जिद से 200 मीटर की दूरी पर स्थित थीं। इसके अलावा, 300 मीटर के दायरे को सील कर दिया गया था ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना से बचा जा सके।
सड़क चौड़ीकरण के नाम पर मस्जिद को नुकसान
इस कार्रवाई के पीछे लोकनिर्माण विभाग की ओर से जारी किया गया नोटिस है, जिसमें सड़क चौड़ीकरण के लिए नूरी जामा मस्जिद के हिस्से को हटाने की चेतावनी दी गई थी। प्रशासन का कहना है कि सड़क की चौड़ाई बढ़ाने के लिए यह कदम उठाना जरूरी था, क्योंकि मस्जिद का एक हिस्सा सड़क के मार्ग में आ रहा था।
स्थानीय लोगों का विरोध और विवाद
मस्जिद का एक हिस्सा गिराए जाने को लेकर स्थानीय लोगों में गुस्सा और आक्रोश देखा गया है। कई लोगों का मानना है कि इस कदम से धार्मिक भावनाएं आहत हो सकती हैं। हालांकि, प्रशासन का कहना है कि यह कार्रवाई पूरी तरह से कानूनी है और विकास कार्यों के तहत की गई है।
राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रिया
इस घटना के बाद राजनीतिक और सामाजिक दृष्टिकोण से भी प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। विपक्षी दलों ने इस कार्रवाई को लेकर प्रशासन पर सवाल उठाए हैं, जबकि कुछ संगठनों ने इसे धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप करार दिया है। हालांकि, प्रशासन ने अपनी तरफ से यह स्पष्ट किया है कि मस्जिद के हिस्से को तोड़ने की कार्रवाई केवल सड़क चौड़ीकरण के उद्देश्य से की जा रही है और इसे किसी भी धार्मिक भावनाओं से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए।
ललौली कस्बे में नूरी जामा मस्जिद के हिस्से को गिराने की कार्रवाई प्रशासन द्वारा उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसका उद्देश्य सड़क चौड़ीकरण को लागू करना है। हालांकि, स्थानीय लोगों और राजनीतिक दलों द्वारा इसे लेकर विरोध भी किया जा रहा है। भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए प्रशासन को स्थानीय लोगों के साथ अधिक संवाद करने की आवश्यकता होगी।
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