KNEWS DESK – प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को बांग्लादेशी घुसपैठ से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच के तहत झारखंड और पश्चिम बंगाल में एक दर्जन से अधिक स्थानों पर छापेमारी की। यह छापेमारी झारखंड में विधानसभा चुनाव से एक दिन पहले हुई, जिससे राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों में चर्चा का विषय बन गई है।
रांची में बांग्लादेशी घुसपैठ का मामला
बता दें कि ईडी की छापेमारी मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA) के तहत की जा रही है, और इसका उद्देश्य उन लोगों और संगठनों की पहचान करना है जो सीमा पार से अवैध वित्तीय गतिविधियों में शामिल हैं। ईडी की टीमों ने विभिन्न स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया, जहां मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े लिंक और वित्तीय रिकॉर्डों के उजागर होने की उम्मीद जताई जा रही है।
इस छापेमारी में विशेष ध्यान रांची में दर्ज एक बांग्लादेशी घुसपैठ मामले पर भी है। रांची के बरियातू पुलिस स्टेशन में इस साल 6 जून को बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। अब, प्रवर्तन निदेशालय ने इसे अपने हाथ में लेते हुए इस मामले से जुड़ी वित्तीय और लॉजिस्टिक नेटवर्क की जांच शुरू कर दी है।
बांग्लादेशी घुसपैठियों का खतरा
खुफिया एजेंसियों के अनुसार, बांग्लादेश से लगते पश्चिम बंगाल और झारखंड राज्यों में कई सक्रिय सिंडिकेट हैं जो बांग्लादेशी नागरिकों को अवैध रूप से भारत में प्रवेश कराते हैं। इन घुसपैठियों के लिए नकली दस्तावेज जैसे आधार कार्ड और अन्य पहचान पत्र तैयार किए जाते हैं, जिसके लिए एजेंट इनसे पैसा लेते हैं। इन सिंडिकेट्स की पहचान करने और उन्हें समाप्त करने के लिए ईडी की मनी लॉन्ड्रिंग जांच चल रही है।
राष्ट्रीय सुरक्षा पर खतरा
सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, इन अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों के भारत में प्रवेश से देश की आंतरिक सुरक्षा को गंभीर खतरा हो सकता है। कई मामलों में यह देखा गया है कि ये घुसपैठी भारत में रहकर अवैध गतिविधियों में शामिल हो जाते हैं, जैसे कि आतंकवाद और संगठित अपराध। हाल ही में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की जांच में यह खुलासा हुआ था कि इन घुसपैठियों ने आतंकी संगठन अल कायदा के साथ मिलकर भारत में आतंकवादी हमले करने की साजिश रची थी। इसके अलावा, ये घुसपैठी अल कायदा के लिए फंडिंग भी कर रहे थे।
एनआईए की छापेमारी
एनआईए ने भी हाल ही में देश के नौ राज्यों में छापेमारी की थी, जिसमें पश्चिम बंगाल और बिहार शामिल थे। इस छापेमारी का उद्देश्य बांग्लादेशी घुसपैठियों और अल कायदा के नेटवर्क को समाप्त करना था। एनआईए की छापेमारी से यह साफ हो गया कि बांग्लादेशी घुसपैठियों का नेटवर्क अब सिर्फ अवैध वित्तीय गतिविधियों में ही नहीं, बल्कि आतंकवादी साजिशों में भी सक्रिय है।
ईडी की छापेमारी से क्या अपेक्षाएं हैं?
ईडी की छापेमारी से यह उम्मीद जताई जा रही है कि जांच में और भी बड़े लिंक और वित्तीय रिकॉर्ड्स सामने आएंगे। साथ ही, इस छापेमारी से बांग्लादेशी घुसपैठियों के अवैध नेटवर्क और उनके वित्तीय स्रोतों का भी पता चलने की संभावना है। ईडी की कार्रवाई से देश की आंतरिक सुरक्षा को खतरा पहुंचाने वाली इस अवैध गतिविधि को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है।