KNEWS DESK – देव दीपावली के खास मौके पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ वाराणसी के प्रतिष्ठित नमो घाट का उद्घाटन करेंगे। यह उद्घाटन 15 नवम्बर को होगा और इस अवसर पर काशी के सभी प्रमुख घाटों पर भव्य आतिशबाजी का आयोजन किया जाएगा। काशी में दीपों की जगमगाहट और सांस्कृतिक आयोजन से महोत्सव की रौनक और भी बढ़ जाएगी।
नमो घाट पर मुख्य कार्यक्रम का आयोजन
आपको बता दें कि मंडलायुक्त कौशलराज शर्मा ने शुक्रवार को देव दीपावली की तैयारियों की समीक्षा बैठक के दौरान यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस बार देव दीपावली के मुख्य कार्यक्रम का आयोजन नए बने नमो घाट पर होगा। सीएम योगी आदित्यनाथ दीप प्रज्वलित कर देव दीपावली के इस भव्य आयोजन की शुरुआत करेंगे। इसके बाद सभी अतिथि और गणमान्य व्यक्ति भी दीप जलाकर इस पवित्र अवसर को मनाएंगे। इसके बाद क्रूज पर सवार होकर वे गंगा के घाटों से देव दीपावली के भव्य दृश्य का आनंद लेंगे।
भव्य आतिशबाजी और सांस्कृतिक कार्यक्रम
नमो घाट पर होने वाले उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान एक अलग से आतिशबाजी का आयोजन भी होगा। यह आतिशबाजी न सिर्फ आयोजन को भव्य बनाएगी, बल्कि काशी के घाटों की रौनक को और बढ़ा देगी। सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाएगा, जिसमें काशी की सांस्कृतिक धरोहर को प्रदर्शित किया जाएगा।
गंगा महोत्सव की धूम
इस दौरान काशी में 12 से 14 नवम्बर तक अस्सी घाट पर काशी गंगा महोत्सव का आयोजन भी होगा, जो वाराणसी की समृद्ध सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर को प्रदर्शित करेगा। यह महोत्सव काशी के पर्यटन और संस्कृति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित किया जा रहा है।
पर्यटकों की सुरक्षा पर जोर
मंडलायुक्त ने इस दौरान सुरक्षा की दिशा में भी महत्वपूर्ण निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि देव दीपावली के दौरान भारी संख्या में पर्यटकों के आने की संभावना है, ऐसे में गंगा में नावों का संचालन विशेष सतर्कता के साथ किया जाएगा। पर्यटकों की सुरक्षा और सुविधा को ध्यान में रखते हुए सभी जरूरी कदम उठाए जाएंगे। कौशलराज शर्मा ने सभी संबंधित विभागों को निर्देश दिए कि वे देव दीपावली के आयोजन से जुड़ी सभी तैयारियों को 13 नवम्बर तक पूरा कर लें। उसी दिन शाम को एक रिहर्सल का आयोजन भी किया जाएगा, ताकि किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो।
काशी में देव दीपावली का महत्व
देव दीपावली वाराणसी के लिए एक विशेष धार्मिक और सांस्कृतिक पर्व है। इस दिन काशी के सभी घाटों पर दीप जलाए जाते हैं और गंगा में स्नान करने के बाद श्रद्धालु मंदिरों में पूजा अर्चना करते हैं। माना जाता है कि इस दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर का वध कर काशी को पूरी तरह से पवित्र किया था।