KNEWS DESK – झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में हुई भीषण अग्निकांड के बाद उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने सोमवार को लखनऊ में उच्च अधिकारियों के साथ बैठक की। इस बैठक में अग्निकांड की घटना की गंभीरता पर चर्चा की गई और प्रदेश भर के अस्पतालों में सुरक्षा व्यवस्थाओं को लेकर आवश्यक कदम उठाने की बात की गई।
अग्निकांड के बाद अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक
आपको बता दें कि डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा कि सरकार अस्पतालों की सुरक्षा को लेकर पूरी तरह सजग है और इस घटना को लेकर अफसरों से पुख्ता रणनीति बनाई जा रही है। उन्होंने कहा कि पहले से ही 19 दिसंबर 2023 को सभी अस्पतालों की सुरक्षा का ऑडिट कराने का निर्देश दिया गया था, और अब एक और सख्त सुरक्षा ऑडिट किया जाएगा।
उन्होंने यह भी बताया कि प्रमुख सचिव ने कहा है कि इस प्रकार की घटनाएं अक्सर इलेक्ट्रिकल सेफ्टी की वजह से होती हैं। इसे ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने सभी जिलों को अस्पतालों में सुरक्षा को लेकर अलर्ट जारी कर दिया है। अब हर जिले में अस्पतालों की सुरक्षा व्यवस्था और इलेक्ट्रिकल इंस्टॉलेशन की जांच की जाएगी।
मृतक नवजातों की संख्या 12 तक पहुंची
झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में शुक्रवार रात तकरीबन 11 बजे नवजात शिशु गहन चिकित्सा केंद्र (SNCU) में भीषण आग लग गई थी। इस हादसे में शुरू में 10 बच्चों की मौके पर ही मौत हो गई थी। घटना के बाद रविवार को एक और बच्चे की मौत हो गई थी, जबकि सोमवार को एक और बच्चे ने दम तोड़ दिया। इस प्रकार, अब तक कुल 12 नवजातों की जान जा चुकी है। यह बच्चा जालौन जिले के विशाल और मुस्कान का था, जो जन्म से गंभीर बीमारी से ग्रस्त था और इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज में भर्ती था। आग के दौरान वार्ड में 49 बच्चे भर्ती थे, जिनमें से 39 बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया।
शासन की टीम घटनास्थल पर जांच करने पहुंची
घटना के बाद शासन की एक टीम घटनास्थल पर पहुंची और इस अग्निकांड के कारणों की जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों ने बताया कि घटना के बाद मेडिकल कॉलेज प्रशासन की लापरवाही के आरोपों की जांच की जा रही है और दोषी पाए गए लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
प्रदेश भर में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर उठाए गए कदम
उत्तर प्रदेश सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए सभी जिलों में अस्पतालों की सुरक्षा की जांच तेज कर दी है। खासकर उन अस्पतालों में, जहां नवजात शिशु भर्ती होते हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इस घटना पर शोक व्यक्त किया है और अधिकारियों को त्वरित कार्रवाई का निर्देश दिया है।