अभ्यर्थियों की मुख्य मांगें
प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों ने अपनी मांगों को लेकर कहा कि बीपीएससी को एक ही सेट में परीक्षा आयोजित करनी चाहिए, ताकि किसी भी प्रकार की धांधली की संभावना न रहे। उनका कहना था कि यदि एक दिन में परीक्षा के अलग-अलग पेपर सेट होंगे, तो एक पेपर कठिन हो सकता है और दूसरा आसान, जो कि पूरी प्रक्रिया को संदेहास्पद बना सकता है। अभ्यर्थियों ने यह भी आरोप लगाया कि आयोग की तरफ से नॉर्मलाइजेशन सिस्टम लागू करने की बात पूरी तरह से गलत है, क्योंकि इससे परीक्षा की पारदर्शिता पर सवाल उठ सकते हैं।
अभ्यर्थियों का आरोप: आयोग हमारी नहीं सुन रहा
अभ्यर्थियों का यह भी कहना था कि बीपीएससी उनकी बातों को नजरअंदाज कर रहा है। उनका कहना था कि आयोग यह कैसे तय कर सकता है कि कौन सा सवाल कठिन है और कौन सा आसान? उन्होंने नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया को खत्म करने की मांग की और कहा कि अगर एक ही दिन में परीक्षा हो रही है तो सभी पेपर एक ही सेट में होने चाहिए। अभ्यर्थियों ने यह भी आरोप लगाया कि आयोग के पास परीक्षा पेपर के लीक होने का खतरा है, और अगर तीनों सेट अलग-अलग होंगे तो यह और भी अधिक मुश्किल पैदा कर सकता है।
बीपीएससी का स्पष्ट बयान
बीपीएससी ने पहले ही स्पष्ट किया था कि इस परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन का कोई सिस्टम लागू नहीं किया जाएगा। बीपीएससी के सचिव सत्य प्रकाश शर्मा ने इस मुद्दे पर बयान देते हुए कहा था कि इस बारे में अफवाहें फैल रही हैं और यह केवल आयोग की छवि को नुकसान पहुंचाने की कोशिश है। उन्होंने कहा था कि 70वीं सिविल सेवा परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन लागू नहीं होगा और इस संबंध में कोई भी बदलाव नहीं किया जाएगा।
परीक्षा का आयोजन और संख्या
इस साल 13 दिसंबर को बिहार में 925 परीक्षा केंद्रों पर बीपीएससी की 70वीं संयुक्त परीक्षा आयोजित होगी। इस परीक्षा में 4 लाख 80 हजार से ज्यादा कैंडिडेट्स शामिल होंगे। परीक्षा को लेकर अभ्यर्थियों में उत्सुकता और चिंता दोनों बनी हुई है, खासकर नॉर्मलाइजेशन प्रणाली को लेकर उत्पन्न असमंजस के कारण।
नॉर्मलाइजेशन क्या है?
नॉर्मलाइजेशन एक प्रक्रिया है जिसमें परीक्षा के पेपर की कठिनाई के स्तर के आधार पर कैंडिडेट्स के अंक तय किए जाते हैं। इस प्रक्रिया के जरिए परीक्षा में मिले नंबरों का प्रतिशत स्कोर निकाला जाता है। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) द्वारा भी इस साल नॉर्मलाइजेशन प्रणाली को लेकर विवाद हुआ था, और प्रतियोगी छात्रों ने प्रयागराज में प्रदर्शन किया था।
इस समय, बीपीएससी के अभ्यर्थी अपने अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे हैं, और देखना यह होगा कि क्या आयोग उनकी मांगों पर विचार करता है या नहीं। इस मुद्दे पर प्रशासन और अभ्यर्थियों के बीच बातचीत की आवश्यकता महसूस हो रही है, ताकि परीक्षा की प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहे और छात्रों की चिंताओं का समाधान हो सके।
ये भी पढ़ें- त्वचा के सफेद धब्बों से छुटकारा पाने के लिए करें अखरोट का इस्तेमाल, स्किन के लिए साबित होगा फायदेमंद, आइए जानें इसके प्रभावी घरेलू उपाय