KNEWS DESK – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज यानी 27 जुलाई को नेशनल इंस्टीट्यूशन फॉर ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया (नीति आयोग) की नौवीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक की अध्यक्षता करेंगे। इस बैठक में 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
राज्य सरकारों के बीच शासन और सहयोग को बढ़ावा
बता दें कि नीति आयोग की काउंसिल और एपेक्स बॉडी में सभी राज्यों के मुख्यमंत्री, केंद्र शासित प्रदेशों के उप-राज्यपाल और कई केंद्रीय मंत्री शामिल होते हैं। पीएम मोदी नीति आयोग के अध्यक्ष हैं। आधिकारिक बयान के मुताबिक, बैठक का मकसद केंद्र और राज्य सरकारों के बीच शासन और सहयोग को बढ़ावा देना है। सरकारी हस्तक्षेपों के वितरण सिस्टम को मजबूत करके ग्रामीण और शहरी दोनों आबादी के लिए जीवन की क्वालिटी को बढ़ाना है।
राज्यों की भूमिका पर भी विस्तृत विचार-विमर्श
बयान में कहा गया है, “27 जुलाई, 2024 को होने वाली गवर्निंग काउंसिल की बैठक में विकसित भारत @2047 पर विजन डॉक्यूमेंट के लिए चर्चा की जाएगी। बैठक में विकसित भारत @2047 के लक्ष्य को हासिल करने में राज्यों की भूमिका पर भी विस्तृत विचार-विमर्श होगा।” बैठक में पिछले साल दिसंबर में आयोजित मुख्य सचिवों के तीसरे राष्ट्रीय सम्मेलन की सिफारिशों पर भी फोकस किया जाएगा। भारत को 2047 तक, अपनी स्वतंत्रता के 100वें वर्ष तक 30 ट्रिलियन डॉलर की विकसित अर्थव्यवस्था बनने में मदद करने के लिए एक विज़न डॉक्यूमेंट तैयार किया जा रहा है।
इस बीच, तीन कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों – कर्नाटक के सिद्दारमैया, हिमाचल प्रदेश के सुखविंदर सिंह सुक्खू और तेलंगाना के रेवंत रेड्डी ने घोषणा की है कि वे केंद्रीय बजट में अपने राज्यों के खिलाफ कथित पक्षपात की वजह से नीति आयोग की बैठक में शामिल नहीं होंगे। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और डीएमके नेता एम. के. स्टालिन, केरल के सीएम और सीपीआई (एम) नेता पिन्नाराय विजयन के साथ-साथ आम आदमी पार्टी की अगुवाई वाली पंजाब और दिल्ली सरकारों ने भी बैठक का बहिष्कार किया है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को कहा कि मोदी सरकार की ओर से लाए गए सरकारी थिंक टैंक को खत्म कर दिया जाना चाहिए और योजना आयोग को बहाल किया जाना चाहिए। नीति आयोग की बैठक में भाग लेने के लिए तैयार ममता बनर्जी ने कहा कि उन्हें लगता है कि उनकी आवाज एक आम मंच पर उठाई जानी चाहिए। ममता बनर्जी के अलावा विपक्षी गुट इंडिया के किसी भी सीएम ने इसमें भाग नहीं लेने का फैसला किया है।
बीजू जनता दल (बीजेडी) के सांसद सस्मित पात्रा ने विपक्षी दलों के फैसले का समर्थन किया है। उन्होंने केंद्र पर बजट में राज्यों को उनका हिस्सा न देने का आरोप लगाया है। झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) की सांसद महुआ मांझी ने कहा है कि उनकी पार्टी राज्य के हितों के आधार पर फैसला लेगी। जेएमएम भी विपक्षी गुट इंडिया का हिस्सा है।