दिल्ली सरकार ने ठंड में प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए व्यापक विंटर एक्शन की प्लान घोषणा की, 6 नवंबर से एंटी ओपन बर्निंग अभियान होगा शुरू

KNEWS DESK – दिल्ली सरकार ने ठंड के मौसम में वायु प्रदूषण पर नियंत्रण पाने के लिए एक व्यापक विंटर एक्शन प्लान तैयार किया है, जिसके तहत कई कड़े कदम उठाए जाएंगे। मंगलवार को दिल्ली सचिवालय में पर्यावरण मंत्री गोपाल राय की अध्यक्षता में एक समीक्षा बैठक आयोजित की गई, जिसमें विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने हिस्सा लिया। इस बैठक में प्रदूषण की बढ़ती समस्या को रोकने के लिए सरकार की रणनीतियों पर चर्चा की गई।

6 नवंबर से शुरू होगा एंटी ओपन बर्निंग अभियान

गोपाल राय ने बताया कि 6 नवंबर से एंटी ओपन बर्निंग अभियान शुरू किया जाएगा, जो एक महीने तक चलेगा। इस अभियान के तहत 588 पेट्रोलिंग टीमों को तैनात किया जाएगा, जो खुले में आग जलाने की घटनाओं पर नजर रखेंगी और उन्हें तत्काल रोकने के लिए कदम उठाएंगी। राय ने कहा कि ठंड बढ़ने और हवा की गति कम होने के कारण दिल्ली और आसपास के राज्यों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 300 से 400 के बीच बना हुआ है, जो स्वास्थ्य के लिए खतरे की घंटी है। वैज्ञानिकों के अनुसार, अगले 10 दिन दिल्ली के लिए प्रदूषण के लिहाज से चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं, इसलिए एक संगठित प्रयास की आवश्यकता महसूस की गई है।

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निर्माण स्थलों पर कड़ी नजर

प्रदूषण पर नियंत्रण पाने के लिए दिल्ली सरकार ने एंटी डस्ट अभियान भी शुरू किया है, जिसके तहत अब तक 7927 निर्माण स्थलों का निरीक्षण किया गया है। इस निरीक्षण में 428 निर्माण स्थलों पर दिशा-निर्देशों का उल्लंघन पाया गया, जिसके चलते नोटिस और चालान जारी किए गए। सरकार ने अब तक 63 लाख रुपये का जुर्माना वसूला है। राय ने बताया कि 13 विभागों के अधिकारियों की टीमें लगातार निर्माण स्थलों का निरीक्षण कर रही हैं और मानदंडों के उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई की जा रही है।

धूल नियंत्रण के लिए खास उपाय

दिल्ली में बढ़ते धूल प्रदूषण को रोकने के लिए सरकार ने 68 स्टैटिक एंटी-स्मॉग गन्स और 200 मोबाइल एंटी-स्मॉग गन्स तैनात की हैं। इसके अलावा, 146 ऊंची इमारतों पर भी एंटी-स्मॉग गन्स लगाई गई हैं, ताकि हवा में मौजूद धूल के कणों को नियंत्रित किया जा सके। इन उपायों से सड़कों पर धूल को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी और प्रदूषण स्तर को कम किया जा सकेगा।

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पराली जलाने पर कड़ी निगरानी

पराली जलाने की समस्या से निपटने के लिए दिल्ली सरकार ने मुफ्त में पूसा बायो-डीकंपोजर का छिड़काव शुरू किया है, ताकि खेतों में पराली जलाने की समस्या को कम किया जा सके। अब तक 3258 एकड़ खेतों में बायो-डीकंपोजर का छिड़काव किया जा चुका है, और सरकार का लक्ष्य इसे अगले कुछ दिनों में 5000 एकड़ खेतों तक फैलाना है। इसके अलावा, पराली जलाने की घटनाओं पर नजर रखने के लिए 11 विशेष टीमें गठित की गई हैं, जो किसानों को जागरूक करने और पराली जलाने की घटनाओं पर नियंत्रण रखने के लिए कार्य करेंगी।

वाहनों से होने वाले प्रदूषण पर कड़ी कार्रवाई

दिल्ली सरकार ने प्रदूषण नियंत्रण के तहत 76,558 वाहनों का चालान किया है, जो प्रदूषण मानकों का पालन नहीं कर रहे थे। इसके अलावा, सरकार ने 3,248 पुराने वाहनों को भी जब्त किया है। सरकार का मानना है कि पुराने और प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई से वायु गुणवत्ता में सुधार हो सकता है।

खुले में कचरा जलाने पर रोक

दिल्ली सरकार ने खुले में कचरा जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए भी कड़े कदम उठाए हैं। गोपाल राय ने निर्देश दिया है कि रात्रि सुरक्षा गार्डों को बिजली के हीटर उपलब्ध कराए जाएं, ताकि वे ठंड में कचरा जलाने से बच सकें। इस कदम से खुले में आग जलाने की घटनाओं पर नियंत्रण पाया जा सकेगा।

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