KNEWS DESK – दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले एक बार फिर आम आदमी पार्टी (AAP) और दिल्ली के उपराज्यपाल विनय सक्सेना के बीच तनातनी बढ़ गई है। आबकारी नीति घोटाले में दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ कार्रवाई को आगे बढ़ाने के लिए उपराज्यपाल ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) को मंजूरी दी है, लेकिन आम आदमी पार्टी ने इस पर सवाल उठाए हैं। पार्टी का कहना है कि अगर कोई मंजूरी दी गई है, तो उसके कागजात क्यों नहीं दिखाए जा रहे हैं?
AAP ने LG की मंजूरी को बताया भ्रम फैलाने वाला
आपको बता दें कि आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया है कि उपराज्यपाल विनय सक्सेना के कार्यालय द्वारा दी गई मंजूरी की खबर भ्रम फैलाने वाली है। पार्टी का कहना है कि अगर ऐसी मंजूरी दी गई है, तो प्रवर्तन निदेशालय (ED) को उसकी कॉपी क्यों सार्वजनिक नहीं की गई? AAP नेता और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि यह “झूठ और गुमराह करने वाली खबर” है। उनका कहना था कि यह सारी खबरें बाबा साहेब के अपमान से ध्यान भटकाने के लिए फैलाए जा रहे हैं, और इस मामले में “जुमलेबाजी” बंद करनी चाहिए।
सिसोदिया ने सवाल उठाया, “अगर मंजूरी दी गई है, तो उसका कागज दिखाओ।” उन्होंने यह भी कहा कि यह सिर्फ एक राजनीतिक खेल है, जिसका उद्देश्य जनता का ध्यान अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों से हटा देना है।
हाई कोर्ट में केस, ED पर दबाव
मनीष सिसोदिया और अरविंद केजरीवाल ने हाल ही में दिल्ली हाई कोर्ट का रुख किया था। दोनों नेताओं ने कोर्ट से यह आग्रह किया था कि अगर ED को मुकदमा चलाने के लिए जरूरी मंजूरी नहीं मिली है, तो ट्रायल कोर्ट में चल रही कार्रवाई पर रोक लगाई जाए। दिल्ली हाई कोर्ट ने इस मामले में ED को नोटिस जारी किया है और एजेंसी से जवाब मांगा है। इस मामले में अगली सुनवाई फरवरी 2025 में होगी।
21 मार्च को गिरफ्तारी और चार्जशीट
पिछले साल 21 मार्च को प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली के तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया था, और मई में उनके खिलाफ चार्जशीट दायर की थी। इस चार्जशीट में अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया को दिल्ली शराब घोटाले का मुख्य आरोपी बताया गया था। एजेंसी का दावा है कि दोनों नेताओं ने दिल्ली की आबकारी नीति में जानबूझकर बदलाव किए, जिसके बाद कथित तौर पर 100 करोड़ रुपये की रिश्वत दी गई।
ED का आरोप, 45 करोड़ रुपये का इस्तेमाल चुनाव प्रचार में
ईडी का आरोप है कि 100 करोड़ रुपये की रिश्वत में से 45 करोड़ रुपये का इस्तेमाल गोवा विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के प्रचार में किया गया था। एजेंसी ने अपनी जांच में कहा था कि शराब नीति में बदलाव साउथ लॉबी के दबाव में किए गए, ताकि इस घोटाले से भारी लाभ हासिल किया जा सके।
दो साल से हो रही है जांच
आम आदमी पार्टी ने इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय के आरोपों को खारिज किया है। AAP ने कहा कि दो साल से इस मामले की जांच चल रही है, और अब तक इस जांच में एक भी पैसा बरामद नहीं हुआ है। पार्टी का कहना है कि जांच एजेंसी ने 50,000 पेजों के दस्तावेज़ प्रस्तुत किए और 250 से अधिक रेड की, लेकिन इन कार्रवाइयों से कोई ठोस सबूत नहीं मिले हैं।