रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की रूस यात्रा, आईआरआईजीसी-एमएंडएमटीसी बैठक और सैन्य सहयोग पर होगी चर्चा

KNEWS DESK-  केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 8 से 10 दिसंबर तक रूस की यात्रा पर रहेंगे, जहां वे भारत-रूस सैन्य और तकनीकी सहयोग को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण बैठकें करेंगे। रक्षा मंत्रालय द्वारा शनिवार को जारी जानकारी के अनुसार, इस दौरान सिंह और रूस के रक्षा मंत्री आंद्रेई बेलौसोव 10 दिसंबर को मॉस्को में आयोजित भारत-रूस अंतर-सरकारी सैन्य और सैन्य तकनीकी सहयोग आयोग (आईआरआईजीसी-एमएंडएमटीसी) की 21वीं बैठक की सह-अध्यक्षता करेंगे।

मंत्रालय के अनुसार, इस बैठक में दोनों देशों के बीच रक्षा संबंधों के सभी पहलुओं पर चर्चा की जाएगी, जिसमें सैन्य सहयोग और औद्योगिक साझेदारी पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त, दोनों नेता क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी विचार करेंगे, जो दोनों देशों के लिए सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं।

नए युद्धपोत को नौसेना में शामिल करेंगे रक्षा मंत्री

राजनाथ सिंह 9 दिसंबर को रूस के कलिनिनग्राद स्थित यंत्र शिपयार्ड से नए बहु-भूमिका वाले स्टील्थ गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट (युद्धपोत) आईएनएस तुशील को भारतीय नौसेना में शामिल करेंगे। इस मौके पर भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी भी उपस्थित होंगे। यह कदम भारत और रूस के बीच सैन्य तकनीकी सहयोग को और भी मजबूत करेगा।

सोवियत सैनिकों को श्रद्धांजलि

मॉस्को में अपनी यात्रा के दौरान, राजनाथ सिंह द्वितीय विश्व युद्ध में शहीद हुए सोवियत सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। वे अज्ञात सैनिक की समाधि पर जाकर उन सैनिकों की वीरता और बलिदान को सम्मान देंगे। इसके अलावा, सिंह वहां भारतीय समुदाय से भी मुलाकात करेंगे और उन्हें भारतीय सरकार की ओर से समर्थन और शुभकामनाएं देंगे।

रूसी राष्ट्रपति पुतिन की आगामी यात्रा की संभावना

विदेश मंत्रालय के अनुसार, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के 2025 में भारत आने की उम्मीद है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन को भारत आने का निमंत्रण दिया है, और उनकी यात्रा की तारीखें राजनयिक बातचीत के बाद तय की जाएंगी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत और रूस के बीच वार्षिक शिखर सम्मेलन का आयोजन 2025 में भारत में होगा। पिछले शिखर सम्मेलन के लिए प्रधानमंत्री मोदी मास्को गए थे, और अब अगले वर्ष यह सम्मेलन भारत में आयोजित होगा।

क्रेमलिन के सहयोगी यूरी उशाकोव ने 2 दिसंबर को यह जानकारी दी थी कि राष्ट्रपति पुतिन को प्रधानमंत्री मोदी ने भारत आने का निमंत्रण भेजा है, और इसकी तारीखें 2025 की शुरुआत में तय की जाएंगी।

भारत-रूस संबंधों में निरंतर बढ़ता सहयोग

राजनाथ सिंह की रूस यात्रा और इन आगामी बैठकों से यह स्पष्ट होता है कि भारत और रूस के बीच सैन्य, तकनीकी और रणनीतिक सहयोग लगातार बढ़ रहा है। दोनों देशों के बीच दीर्घकालिक सहयोग और साझेदारी को मजबूत करने के लिए ये कदम महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं, खासकर जब दुनिया में भू-राजनीतिक समीकरण तेजी से बदल रहे हैं।

ये भी पढ़ें-   अरविंद केजरीवाल ने भाजपा पर कसा तंज, कहा- केंद्र सरकार से कानून व्यवस्था नहीं संभल रही, अपराधी बेखौफ…

About Post Author

Leave a Reply

Your email address will not be published.