KNEWS DESK – दिल्ली के वसंत विहार स्थित चिन्मय स्कूल में मंगलवार, 3 दिसंबर को 12 वर्षीय छठी कक्षा के छात्र की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। इस घटना के बाद दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी मार्लेना ने पूरे मामले की गहरी जांच के आदेश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने मृतक छात्र के परिवार से मुलाकात की और उन्हें न्याय दिलाने का आश्वासन दिया। साथ ही, उन्होंने मामले की जांच के लिए दो तरह के आदेश भी दिए हैं।
मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा कि इस मामले में शिक्षा विभाग और एसडीएम दोनों द्वारा जांच की जाएगी। शिक्षा विभाग स्कूल की भूमिका की जांच करेगा, जबकि एसडीएम यह जांच करेंगे कि बच्चे को अस्पताल पहुंचाने में देरी तो नहीं हुई। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर इस घटना में स्कूल की लापरवाही सामने आई, तो दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
मामले की जांच के लिए दो रास्ते
आपको बता दें कि मुख्यमंत्री ने मामले की गंभीरता को देखते हुए दो तरीके से जांच की बात की। पहला, शिक्षा विभाग स्कूल की भूमिका पर ध्यान देगा, जबकि दूसरा एसडीएम अस्पताल में देर से उपचार देने के मामले की जांच करेंगे। इस घटना से संबंधित सीसीटीवी फुटेज भी मौजूद हैं, जो जांच में मददगार हो सकते हैं। मुख्यमंत्री ने इस घटना को दुखद बताते हुए कहा कि यह एक गंभीर मामला है, और सवाल उठता है कि कैसे एक 12 वर्षीय बच्चा इस प्रकार की हिंसा का शिकार हुआ। उन्होंने कहा कि आजकल बच्चों पर हिंसा का प्रभाव पड़ रहा है, क्योंकि वे हर रोज क्राइम की खबरें सुनते हैं, और इसका असर उनकी मानसिकता पर पड़ रहा है।
घटना का विवरण
मंगलवार सुबह करीब 10:15 बजे वसंत कुंज के फोर्टिस अस्पताल से पुलिस को सूचना मिली कि प्रिंस को मृत अवस्था में अस्पताल लाया गया है। पुलिस के मुताबिक, प्रारंभिक जांच में यह सामने आया कि प्रिंस के शरीर पर कोई बाहरी चोट के निशान नहीं थे, लेकिन उसके मुंह से झाग जैसा पदार्थ निकल रहा था। डॉक्टरों ने संभावना जताई कि बच्चे को ऐंठन जैसी बीमारी हो सकती है, लेकिन मामले की पूरी जांच जारी है।
परिजनों के आरोप
प्रिंस के पिता सागर ने बताया कि उनके बेटे का कोई मेडिकल इतिहास नहीं था और वह पूरी तरह से स्वस्थ था। वह फुटबॉल का अच्छा खिलाड़ी था और इंटर-स्कूल टूर्नामेंट्स में भाग लेता था। सागर ने यह भी कहा कि उनके बेटे को सुबह 9:45 बजे स्कूल से फोन आया कि उसे चोट लग गई है। जब वे अस्पताल पहुंचे, तो उनका बेटा मृत हो चुका था। उन्होंने आरोप लगाया है कि पुलिस मामले में जल्दबाजी कर रही है और आरोपियों को बचाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि पुलिस ने अंतिम संस्कार के लिए जल्दबाजी की और जबरदस्ती एंबुलेंस में शव को डाला। सागर ने कहा, “वीडियो में साफ दिखाई दे रहा है कि बच्चे का गला दबाया जा रहा था। पुलिस ने सबूतों को नजरअंदाज कर आरोपियों को बचाने का प्रयास किया।”
सागर ने यह भी कहा कि मंगलवार को उनका बेटा एनुअल फंक्शन के लिए 1000 रुपए लेकर स्कूल गया था और सब कुछ ठीक था, लेकिन बाद में उन्हें फोन आया कि उनका बेटा फोर्टिस अस्पताल में भर्ती है, जहां उन्होंने उसे मृत पाया।
परिवार का हंगामा
प्रिंस की मौत के बाद उसके परिजन और रिश्तेदार चिन्मया स्कूल के बाहर जमा हो गए और स्कूल प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। परिवारवालों का आरोप है कि स्कूल में बच्चों के झगड़े के समय शिक्षक कहां थे और क्यों घटना के बाद उन्हें तुरंत सूचित नहीं किया गया। स्कूल के बाहर माहौल गरमाने के कारण भारी पुलिस बल तैनात किया गया था।
मुख्यमंत्री ने क्या कहा?
मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा कि इस मामले में जो भी दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि बच्चों में हिंसा के बढ़ते मामलों पर गंभीरता से ध्यान दिया जाएगा और समाज को इस दिशा में कदम उठाने होंगे ताकि बच्चों के मन पर हिंसा का असर न पड़े।