KNEWS DESK- बांग्लादेश के सतखीरा स्थित मां काली के जेशोरेश्वरी मंदिर से एक महत्वपूर्ण धार्मिक प्रतीक चोरी हो गया है। यह मुकुट, जिसे भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2021 में अपनी बांग्लादेश यात्रा के दौरान देवी के सिर की मूर्ति पर भेंट किया था, चांदी का बना हुआ है और इस पर सोने की परत चढ़ी हुई है। मंदिर प्रशासन और स्थानीय पुलिस इस घटना की गंभीरता को देखते हुए सीसीटीवी फुटेज की जांच कर रहे हैं ताकि चोर की पहचान की जा सके।
मंदिर का महत्व
जेशोरेश्वरी मंदिर को हिंदू पौराणिक कथाओं में 51 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है और यह पीढ़ियों से भक्तों के लिए धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखता है। ज्योति चट्टोपाध्याय, जो इस मंदिर की देखभाल करने वाले परिवार के सदस्य हैं, ने बताया कि चोरी हुआ मुकुट भक्तों के लिए एक विशेष श्रद्धा का प्रतीक है।
मंदिर का इतिहास
जेशोरेश्वरी मंदिर का निर्माण 12वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में अनारी नामक एक ब्राह्मण ने करवाया था। मंदिर को 100 दरवाजों वाला बनाया गया था, जो इसकी वास्तुकला को विशेष बनाता है। 13वीं शताब्दी में लक्ष्मण सेन ने इसका जीर्णोद्धार करवाया, और राजा प्रतापादित्य ने 16वीं शताब्दी में इसे फिर से पुनर्निर्माण कराया।
पीएम मोदी की पहल
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने दौरे के दौरान जेशोरेश्वरी मंदिर के महत्व को पहचानते हुए कहा था कि भारत यहां एक बहुउद्देशीय सामुदायिक हॉल का निर्माण कराएगा। यह हॉल स्थानीय लोगों के लिए सामाजिक, धार्मिक, और शैक्षिक आयोजनों के लिए उपयोगी होगा, साथ ही आपदाओं के समय आश्रय के रूप में कार्य करेगा।
चोरी की घटना का प्रभाव
मुकुट की चोरी ने मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं और भक्तों में चिंता का माहौल उत्पन्न किया है। यह घटना न केवल धार्मिक प्रतीक की हानि है, बल्कि स्थानीय संस्कृति और श्रद्धा को भी प्रभावित कर सकती है। पुलिस अधिकारियों ने भरोसा दिलाया है कि वे मामले को गंभीरता से लेकर चोर की पहचान करने में जुटे हैं। इस घटना ने एक बार फिर से धार्मिक स्थलों की सुरक्षा के महत्व को रेखांकित किया है, और उम्मीद की जा रही है कि चोर जल्द पकड़ा जाएगा ताकि भक्तों की श्रद्धा को पुनर्स्थापित किया जा सके।
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