हरियाणा में MSP पर फसल खरीद जारी, पंजाब में पेस्टिसाइड से बढ़ा कैंसर, सीएम सैनी ने की किसानों को जागरूक करने की अपील

KNEWS DESK- पंजाब-हरियाणा की सीमा पर स्थित शंभू बॉर्डर पर अपनी 12 मांगों को लेकर धरने पर बैठे किसानों ने छह दिसंबर को दिल्ली की ओर पैदल मार्च शुरू करने का ऐलान किया है। किसान ‘एमएसपी की कानूनी गारंटी’, ‘कर्ज मुक्ति’ समेत अन्य मुद्दों को लेकर हरियाणा होते हुए दिल्ली पहुंचेंगे। किसानों के इस कदम को लेकर हरियाणा सरकार ने मंगलवार को एक समीक्षा बैठक की।

हरियाणा सरकार की प्रतिक्रिया

बैठक के बाद हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने किसानों को आश्वस्त करते हुए कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के किसानों की सभी फसलों की खरीद एमएसपी पर कर रही है। उन्होंने कहा, “हमने हरियाणा में 100 प्रतिशत फसल की खरीद एमएसपी पर सुनिश्चित की है। पिछले 10 वर्षों में मोदी सरकार ने एमएसपी में लगातार वृद्धि की है। साथ ही, खराब हुई फसलों का मुआवजा भी किसानों को दिया जा रहा है।”

मुख्यमंत्री सैनी ने विपक्षी दल कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि कांग्रेस ने यह अफवाह फैलाई थी कि सरकार एमएसपी पर फसलों की खरीद बंद कर देगी। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने अपने कार्यकाल में किसानों को पर्याप्त मुआवजा देने में असफलता दिखाई। इसके विपरीत, केंद्र सरकार ने किसान सम्मान निधि और प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों को आर्थिक सहायता पहुंचाई है।

कीटनाशकों के कम प्रयोग की अपील

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने किसानों से कीटनाशकों के कम प्रयोग की अपील करते हुए कहा कि पंजाब में कैंसर के मरीजों की संख्या बढ़ रही है, जिसका प्रमुख कारण फसलों में अत्यधिक खाद और पेस्टिसाइड का इस्तेमाल है। उन्होंने कहा, “पेस्टिसाइड के उपयोग से न केवल स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है, बल्कि पर्यावरण को भी नुकसान होता है।”

मुख्यमंत्री ने सभी किसान संगठनों से किसानों को जागरूक करने की अपील की और जैविक खेती को अपनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जैविक खेती के लिए अलग बजट का प्रावधान किया है। जैविक खेती न केवल पर्यावरण के लिए फायदेमंद है, बल्कि इससे किसानों को उनकी फसलों का बेहतर मूल्य भी मिल सकता है।

कांग्रेस पर सवाल

सीएम सैनी ने कांग्रेस पर सवाल उठाते हुए कहा कि उनके कार्यकाल में किसानों को कितनी आर्थिक मदद दी गई, इसका आकलन होना चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने अपने कार्यकाल में किसानों के हित में कोई ठोस कदम नहीं उठाए। इसके विपरीत, मौजूदा सरकार ने किसानों के कल्याण के लिए कई योजनाएं लागू की हैं।

किसानों के दिल्ली मार्च पर नजर

किसानों के इस पैदल मार्च को लेकर हरियाणा सरकार पूरी तरह सतर्क है। समीक्षा बैठक में इस मार्च से जुड़े सुरक्षा और यातायात प्रबंधन पर भी चर्चा की गई। सरकार ने कहा है कि वह किसानों की मांगों पर संवेदनशीलता से विचार करेगी।

जैविक खेती का महत्व

मुख्यमंत्री सैनी ने जैविक और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि जैविक फसलों की बाजार में अधिक मांग है और इससे किसानों को अच्छा लाभ हो सकता है। सरकार ने जैविक खेती को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष बजट भी निर्धारित किया है। किसानों का यह दिल्ली मार्च सरकार के लिए एक महत्वपूर्ण चुनौती साबित हो सकता है। यह देखना होगा कि उनकी मांगों पर सरकार क्या कदम उठाती है और किस तरह से समाधान निकालने का प्रयास करती है।

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