महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी में आयी दरार, समाजवादी पार्टी ने MVA से अलग होने का किया ऐलान

KNEWS DESK – महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में महायुति की जबरदस्त जीत के बाद विपक्षी गठबंधन महा विकास अघाड़ी (एमवीए) में दरारें पड़नी शुरू हो गई हैं। समाजवादी पार्टी (सपा) ने शनिवार को घोषणा की कि वह महा विकास अघाड़ी का हिस्सा नहीं रहेगी। सपा प्रमुख अबु आजमी ने इस फैसले की वजह शिवसेना-उद्धव बालासाहेब ठाकरे के बाबरी मस्जिद विध्वंस को लेकर लिए गए रुख को बताया है।

सपा प्रमुख अबु आजमी का बयान

बता दें कि अबु आजमी ने कहा, “शिवसेना-यूबीटी की तरफ से एक अखबार में विज्ञापन प्रकाशित किया गया था, जिसमें बाबरी मस्जिद के विध्वंस में शामिल लोगों को बधाई दी गई थी। इसके अलावा, उनके (उद्धव ठाकरे के) करीबियों ने इसे एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट भी किया और मस्जिद के गिराए जाने का स्वागत किया।” अबु आजमी ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अगर महा विकास अघाड़ी में इस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया जा रहा है, तो फिर उसमें और भाजपा में क्या फर्क रह जाता है? उन्होंने सवाल उठाया कि ऐसे में हम उन लोगों के साथ क्यों रहें?

MVA Seat Sharing for Maharashtra Polls - सपा ने जो 5 सीटें मांगी, उनमें से  3 पर MVA ने उतारे उम्मीदवार... अब क्या करेंगे अबू आजमी? - Out of the five  seats

महा विकास अघाड़ी से पहले भी थी नाराजगी

यह पहली बार नहीं है जब सपा ने महा विकास अघाड़ी से नाराजगी जाहिर की है। विधानसभा चुनावों से पहले भी सपा ने उम्मीदवारों के चयन को लेकर अपनी असहमति व्यक्त की थी। अबु आजमी ने तब कहा था कि उन्हें लगता है कि महा विकास अघाड़ी समाजवादी पार्टी को सीटें नहीं देना चाहती। इसके चलते उन्होंने अकेले चुनाव लड़ने का विचार व्यक्त किया था। हालांकि, तब उन्होंने यह भी कहा था कि अगर एमवीए उनकी बात नहीं सुनता है तो उन्हें अकेले चुनाव लड़ने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा।

महाराष्ट्र में सपा का चुनावी प्रदर्शन

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में सपा ने महा विकास अघाड़ी के अन्य दलों के बावजूद चुनाव लड़ा और दो सीटों पर जीत हासिल की। भिवंडी ईस्ट सीट पर सपा के रईस कसम शेख ने जीत दर्ज की, जबकि मानखुर्द शिवाजी नगर सीट से सपा प्रमुख अबु आजमी ने जीत हासिल की।

महायुति की शानदार जीत के बाद दरारें और गहरी हुईं

महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में महायुति को शानदार जीत मिली, जिसमें उन्होंने 288 में से 230 सीटों पर कब्जा किया। वहीं, महा विकास अघाड़ी केवल 46 सीटें ही हासिल कर सकी। शिवसेना-यूबीटी को 20 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरने का मौका मिला, जबकि कांग्रेस को केवल 16 सीटों पर जीत मिली। राकांपा को महज 10 सीटों पर ही सफलता मिली। इस खराब प्रदर्शन के बाद महा विकास अघाड़ी में दरारें और गहरी हो गई हैं, जो अब सपा के गठबंधन छोड़ने के फैसले से और स्पष्ट हो गई हैं।

नए मोर्चे की ओर सपा का रुख

अबु आजमी का यह कदम महा विकास अघाड़ी के भविष्य पर असर डाल सकता है। सपा ने पहले ही विधानसभा चुनावों में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए नए मोर्चे की संभावना की ओर इशारा किया था। चुनावी नतीजों ने विपक्षी दलों के बीच एकजुटता की कमी को उजागर किया है और सपा के लिए अपने भविष्य के राजनीतिक कदमों पर विचार करना जरूरी हो गया है।

About Post Author

Leave a Reply

Your email address will not be published.