KNEWS DESK- उत्तर प्रदेश की 9 विधानसभा सीटों पर 20 नवंबर को हुए हाई वोल्टेज उपचुनाव के बाद आज सुबह 8 बजे से मतगणना की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इन सीटों पर मतदान के दौरान जबर्दस्त हंगामा हुआ था और चुनाव आयोग को स्थिति पर काबू पाने के लिए दखल देना पड़ा था। कुछ पुलिस अधिकारियों को सस्पेंड भी किया गया था, लेकिन अब सभी की नजरें मतगणना पर टिकी हैं, खासकर करहल सीट पर, जहां समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रत्याशी तेज प्रताप यादव आगे चल रहे हैं।
करहल सीट पर तेज प्रताप यादव की बढ़त
करहल सीट पर समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी तेज प्रताप यादव आगे चल रहे हैं, जबकि बीजेपी के प्रत्याशी अनुजेश यादव पीछे हैं। यह सीट समाजवादी पार्टी के लिए एक अहम मुकाबला बन गई थी, जहां सपा और बीजेपी दोनों ने अपनी पूरी ताकत झोंकी थी। तेज प्रताप यादव के समर्थक उत्साहित हैं, क्योंकि करहल विधानसभा क्षेत्र में सपा की अच्छी पकड़ मानी जाती है।
गाजियाबाद, मीरापुर, करहल और अन्य सीटों पर तनाव के बावजूद चुनाव सम्पन्न
उत्तर प्रदेश की 9 विधानसभा सीटों पर 20 नवंबर को वोटिंग के दौरान तनाव और बयानबाजी का माहौल था। ये सीटें थीं—गाजियाबाद, मीरापुर, करहल, कटेहरी, फूलपुर, खैर, कुंदरकी, मझवां और सीसामऊ। मतदान के दौरान इन इलाकों में राजनीतिक हलचल काफी तेज रही, जिसके कारण कुछ स्थानों पर विवाद भी हुआ। चुनाव आयोग को हस्तक्षेप करना पड़ा और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए कुछ पुलिस अधिकारियों को सस्पेंड भी किया गया। इसके बावजूद, चुनाव प्रक्रिया सुचारू रूप से पूरी हुई, और अब मतगणना के नतीजे तय करेंगे कि इनमें से किस दल को जनादेश मिलता है।
बयानबाजी और विवादों का असर
इन उपचुनावों के दौरान राजनीतिक बयानबाजी ने भी चुनावी माहौल को गरम किया था। समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव ने आरोप लगाया था कि सरकार चुनावी प्रक्रिया में धांधली कर रही है और पुलिस भी वोट डालने में शामिल हो गई है। उन्होंने इसे लोकतंत्र के लिए खतरे के रूप में देखा। इस बीच, सपा के सीसामऊ प्रत्याशी नसीम सोलंकी ने भी ईवीएम की वीडियोग्राफी की मांग की थी, ताकि मतगणना में पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके।
मतगणना के नतीजों का महत्व
इन उपचुनावों के नतीजे केवल स्थानीय राजनीति के लिए नहीं, बल्कि राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर भी महत्वपूर्ण होंगे। यदि समाजवादी पार्टी अपनी सीटों की संख्या बढ़ाती है, तो यह 2024 के आगामी विधानसभा चुनावों के लिए बीजेपी के लिए एक चेतावनी हो सकती है। वहीं, यदि बीजेपी और उसके सहयोगी गठबंधन महायुति बहुमत प्राप्त करते हैं, तो यह उनके लिए एक बड़ी जीत होगी।
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