केंद्रीय खाद्य मंत्री की चिंता
केंद्रीय खाद्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने भी इस मामले को गंभीरता से लिया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नायडू के आरोप गंभीर चिंता का विषय हैं और विस्तृत जांच की आवश्यकता है। जोशी ने कहा, “दोषी को दंडित किया जाना चाहिए।” उनका बयान उस समय आया जब नायडू ने आरोप लगाया कि पिछली वाईएस जगन मोहन रेड्डी सरकार ने तिरुपति मंदिर को भी बख्शा नहीं और लड्डू बनाने में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया।
गिरिराज सिंह की सीबीआई जांच की मांग
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने भी इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि तिरुपति प्रसादम मामले में सीबीआई जांच की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, “हमें यह पता लगाना चाहिए कि प्रसादम में इस्तेमाल होने वाले घी पर कितना पैसा खर्च हुआ।” सिंह ने यह भी कहा कि जिन लोगों ने दोषी व्यवहार किया है, उन्हें फांसी की सजा मिलनी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि आंध्र प्रदेश की वाईएसआर सरकार ने बड़े पैमाने पर हिंदुओं का धर्मांतरण करवाने का काम किया।
टीडीपी प्रवक्ता की लैब रिपोर्ट
टीडीपी प्रवक्ता ए वेंकट रमण रेड्डी ने हाल ही में एक संवाददाता सम्मेलन में दावा किया कि श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर के प्रबंधन द्वारा उपलब्ध कराए गए घी के नमूनों में मिलावट की पुष्टि हुई है। उन्होंने गुजरात स्थित पशुधन प्रयोगशाला की रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसमें कथित तौर पर घी में “बीफ टैलो”, “लार्ड” और “मछली का तेल” की मौजूदगी की पुष्टि की गई। हालांकि, आंध्र प्रदेश सरकार और तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) की ओर से इस रिपोर्ट पर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।
विपक्ष का बयान
इस बीच, वाईएसआरसीपी नेताओं ने इन आरोपों का खंडन किया है, और कहा है कि यह सिर्फ राजनीतिक हमले का एक हिस्सा है। तिरुपति लड्डुओं की गुणवत्ता और उनके प्रबंधन को लेकर उठे सवाल अब एक गंभीर मुद्दा बन चुके हैं, और इस मामले की जांच में कई राजनीतिक दांव-पेंच शामिल हो सकते हैं।
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