CM योगी का दावा, मार्च 2025 तक 32 लाख करोड़ की अर्थव्यवस्था बनेगा उत्तरप्रदेश

KNEWS DESK-  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शनिवार को मुंबई में आयोजित वर्ल्ड हिंदू इकोनॉमिक फोरम-2024 में शामिल हुए, जहां उन्होंने उत्तर प्रदेश में आए बदलावों और समृद्धि की चर्चा की। इस अवसर पर सीएम योगी ने राज्य में पिछले कुछ वर्षों में हुए विकास कार्यों को साझा किया और आगामी महाकुंभ के महत्व को भी रेखांकित किया।

उत्तर प्रदेश में विकास के नए आयाम

योगी आदित्यनाथ ने यूपी के विकास पर बोलते हुए कहा कि 2012 से 2017 के बीच राज्य की जीडीपी महज 12.5 लाख से 13 लाख करोड़ रुपये थी, जबकि मार्च 2025 तक यह 32 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगी। उन्होंने कहा कि यह बदलाव योगी सरकार की नीति, योजनाओं और समर्पण का परिणाम है। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के समृद्धि की दिशा में किए गए कार्यों की विस्तार से जानकारी दी और यह दावा किया कि आने वाले वर्षों में यूपी देश के सबसे प्रमुख और विकसित राज्यों में शामिल होगा।

महाकुंभ का महत्व

सीएम योगी ने महाकुंभ का उल्लेख करते हुए कहा कि इस धार्मिक आयोजन में लगभग 40 करोड़ श्रद्धालु भाग लेंगे। यह न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि राज्य के पर्यटन और अर्थव्यवस्था के लिए भी एक बड़ा अवसर साबित होगा। महाकुंभ को एक वैश्विक आयोजन के रूप में प्रस्तुत करते हुए योगी ने इसे हिंदू समाज की एकता और संस्कृति का प्रतीक बताया।

विपक्ष पर तीखा हमला

योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन के दौरान विपक्ष, विशेषकर कांग्रेस, पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों ने राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति के खिलाफ नोटिस दाखिल किया है, जो कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कमजोर करने की कोशिश है। उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष सत्य बोलने वालों को महाभियोग की धमकी देकर चुप कराने का प्रयास करता है।

सीएम योगी ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति के द्वारा समान नागरिक संहिता पर दिए गए बयान का भी समर्थन किया। उन्होंने कहा कि भारतीय समाज में सच्चाई बोलने वाले को अपराधी घोषित करना अत्यधिक दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने तंज करते हुए कहा, “महर्षि वेदव्यास, आरएसएस या भाजपा से नहीं जुड़े थे, लेकिन राहुल गांधी जैसे विद्वान यह भी कह सकते हैं कि वे वेदव्यास संघ की शाखा में गए होंगे।”

रामराज्य की परिकल्पना और ‘विकसित भारत’

मुख्यमंत्री ने ‘विकसित भारत’ की परिकल्पना की बात करते हुए कहा कि यह वर्ल्ड हिंदू इकोनॉमिक फोरम-2024 से आगे बढ़ेगी। उन्होंने रामराज्य के सिद्धांतों की चर्चा करते हुए कहा, “हम रामराज्य की बात करते हैं… दैहिक, दैविक और भौतिक तापों से मुक्ति पाना और समाज में हर व्यक्ति को समृद्धि और सुख की प्राप्ति करना ही हमारा उद्देश्य है।”

योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन के दौरान यह भी कहा कि रामराज्य केवल एक ऐतिहासिक विचार नहीं है, बल्कि एक आदर्श शासन व्यवस्था है, जो भारत के समृद्ध और खुशहाल भविष्य के निर्माण में सहायक होगी।

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