KNEWS DESK- मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि नागरिकों की समस्याएं लंबे समय तक लंबित रखने वाले दोषी अधिकारी-कर्मचारी दंडित किए जाएंगे। आमजन का कल्याण ही राज्य सरकार का प्रमुख लक्ष्य है। राजस्व, छात्रवृत्ति वितरण सहित अन्य योजनाओं की स्वीकृति और योजनाओं की राशि वितरण संबंधी कोई भी कार्य लंबित नहीं रहना चाहिए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मंत्रालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से समाधान ऑनलाइन में विभिन्न जिलों के नागरिकों के लंबित प्रकरणों में समाधान करवाया। मुख्य सचिव अनुराग जैन सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव सीएम हेल्पलाइन में उल्लेखित शिकायतों के निराकरण में बेहतर प्रदर्शन करने वाले जिलों और सीएम हेल्पलाइन के अंतर्गत श्रेष्ठ कार्य करने वाले अधिकारियों को बधाई दी। इन जिलों में सागर, कटनी, सिंगरौली, विदिशा और सीहोर जिलों के अधिकारियों करें बधाई मिली। श्रेष्ठ कार्य करने वाले और उच्च प्रदर्शन वाले विभागों में ऊर्जा, नगरीय विकास, महिला एवं बाल विकास, पंचायत ग्रामीण विकास एवं गृह विभाग शामिल हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि लंबित प्रकरण का तत्काल निराकरण करें। जन-कल्याण के कार्य को गति देने के लिए अभियान चल रहा है। आगामी 26 जनवरी तक घर-घर जाकर नागरिकों को योजनाओं से लाभान्वित करने का अभियान गत 11 दिसंबर से संचालित है। जन-कल्याण अभियान की गतिविधियां 22 जनवरी तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखें।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राजस्व संबंधी कार्य पूरी प्रक्रिया के साथ पूर्ण हों। उदाहरण के लिए बंटवारा आदेश ही पर्याप्त नहीं है, उसे नक्शे में दर्शाना भी आवश्यक है। नामांतरण और सीमांकन के कार्यों में भी पूर्ण प्रक्रिया कर कार्य किए जाएं।
उच्च शिक्षा विभाग का एक अधिकारी निलंबित, एक की सेवा समाप्त
समाधान ऑनलाइन में बैतूल जिले चन्द्र प्रकाश धोटे के प्रकरण बंटवारे के आवेदन का समाधान भी हो गया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने ऐसे लंबित प्रकरण अभियान के अंतर्गत निराकृत करने के निर्देश दिए। सागर की छात्रा खुशबू गुर्जर द्वारा नि:शुल्क सायकिल मिलने में हुए विलंब की जानकारी समाधान ऑनलाइन में आते ही छात्रा को सायकिल मिल गई। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सभी जिलों में सायकिल वितरण के लंबित प्रकरण हल करने के निर्देश दिए। रीवा जिले की छात्रा शीतल तिवारी को गाँव की बेटी योजना में मिलने वाली राशि का भुगतान भी समाधान ऑनलाइन के माध्यम से किया गया। इस प्रकरण में उच्च शिक्षा विभाग के एक अधिकारी को निलंबित करने और एक अधिकारी की सेवा समाप्ति का निर्णय लिया गया।
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